Tuesday, June 21, 2022

तीन तिगाड़ा काम बिगाड़ा।

बहुत हंसी आती है ऐसी बातों पर वैदिक धर्म में अंधविश्वास का कोई स्थान नहीं हैं वैदिक धर्म में तीन (३) अंक को बहुत शुभ माना गया है । वैदिक धर्म में तीन का कितना महत्व है वह निम्नलिखित कुछ बिंदुओं द्वारा प्रमाणित किया जा सकता सकता है ।
   तीन दुःख  = (१.) आध्यात्मिक (२.) आधिदैविक, (३.) आधिभौतिक
   धन की तीन गतियां = (१) दान  (२) भोग  (३) नाश ।
    संसार उत्पत्ति के तीन कारण = (१)  निमित्त कारण  (२)  उपादान कारण   (३)  साधारण कारण ।
  तीन ऐषणाएं = (१) पुत्रैषणा  (२) लोकेषणा  (३) वित्तैषणा ।
  संस्कृत के तीन वचन = (१) एक वचन   (२) द्विवचन    (३) बहुवचन ।
   संस्कृत के तीन पुरुष = (१) प्रथम पुरुष   (२)  मध्यम पुरुष   (३) उत्तम पुरुष ।
  जीवन की तीन स्थिति = (१) सुखी   (२) दु:खी  (३) सम
  कर्म के तीन प्रकार =  (१) पुण्य  (२) पाप  (३) मिश्रित।
  कर्म के तीन साधन= (१) मन  (२) वाणी  (३) शरीर ।
  धर्म के तीन फल = (१) जाति  (२) आयु   (३) भोग ।
   शरीर की तीन नाड़ी= (१) इडा़ =चंद्र  (२)  पिंगला = सूर्य    (३) सुषुम्ना = अग्नि ।
   योगी के तीन लक्षण = (१)  जितेंद्रिय  (२) विद्वान् (३) धार्मिक ।
   ब्रह्मचर्य के तीन अर्थ = (१) ईश्वरोपासना (२) इंद्रिय संयम  (३) वेद अध्ययन ।
  सृष्टि के आधार  = (१) ईश्वर  (२) जीव  (३) प्रकृति ।
  ईश्वराराधन के तीन प्रकार  = (१) स्तुति   (२) प्रार्थना   (३) उपासना ।
   संतान निर्माण के तीन साधन =(१) माता  (२) पिता  (३) गुरू ( आचार्य ) ।
   शरीर की तीन प्रकृतियां  = (१) वात  (२) पित्त  (२) कफ ।
  भोजन के तीन नियम= (१) हित भुक् (२) ऋत भुक्  (३) मित्त भुक् ।
  तीन हठ = (१) बाल हठ  (२) स्त्री हठ  (३) राज हठ ।
  तीन वाजिन्त्र = (१) घा - ठोककर जैसे ढोल बजाना   (२) वा -  फूंककर  कर जैसे बांसुरी आदि बजाना
(३)= घिसर्का - घिस कर जैसे तंबूरा आदि बजाना
   तीन राम = (१) श्रीराम  (२) बलराम   (३) परशुराम ।
  त्रिफला =  (१) आंवला  (२) बहेडा (३ ) हरड 
  तीन गुण =  ( १ ) सतोगुण ( २) रजोगुण  (३) तमोगुण 
तीन ऋण = ( २) देवॠण ( २) ऋषिऋण (३) पितरॠण
  तीन देव = (१) ब्रह्मा (२) विष्णु (३) महेश
   अब कौन कह सकता है कि ३ अशुभ अंक होता है। अतः बुद्धिमान लोगों को सुनी सुनाई बातों पर विश्वास करने के बजाय स्वयं अध्ययन करना चाहिए ।

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