Thursday, January 10, 2019

पुनर्नवा के 25 गुण।

पुनर्नवा मतलब शरीर के सभी अंगो को नया बना देना, इसमे होते है 25 गुण
पूनर्नवा ऐसी वनस्पति है जो शरीर के अँगो को पुनः नया जीवन दे सकती है, जो कैन्सर के मरीज़ों के लिए आयुर्वेद जगत की संजीवनी है जिसका नाम पुनर्नवा है। पुर्ननवा संस्कृत के दो शब्द पुनः अर्थात ‘फिर’ और नव अर्थात ‘नया’ से बना है। पुर्ननवा औषधि में भी अपने नाम के अनुरूप ही शरीर को पुनः नया कर देने वाले गुण पाए जाता है। इसलिए इसे रोगों से लड़ने से लेकर कैंसर के इलाज तक में उपयोग किया जाता है।
इसकी 1 चम्मच भोजन के साथ अर्थात सब्जी में मिलाकर सेवन करने से बुढापा नही आता अर्थात बूढ़ा व्यक्ति भी जवाँ बना रहता है क्योंकि इससे शरीर के सभी अंग का पुनः नयी कोशिका का निर्माण होता रहता है। “शरीर पुनर्नवं करोति इति पुनर्नवा” जो अपने रक्तवर्धक एवं रसायन गुणों द्वारा सम्पूर्ण शरीर को अभिनव स्वरूप प्रदान करे, वह है ‘पुनर्नवा’। यह हिन्दी में साटी, साँठ, गदहपुरना, विषखपरा, गुजराती में साटोड़ी, मराठी में घेटुली तथा अंग्रेजी में ‘हॉगवीड’ नाम से जानी जाती है। मूँग या चने की दाल मिलाकर इसकी बढ़िया सब्जी बनती है, जो शरीर की सूजन, मूत्ररोगों (विशेषकर मूत्राल्पता), हृदयरोगों, दमा, शरीरदर्द, मंदाग्नि, उलटी, पीलिया, रक्ताल्पता, यकृत व प्लीहा के विकारों, बुढ़ापे को रोकता है, जवाँ बनाएंआदि में फायदेमंद है।
इसके ताजे पत्तों के 15-20 मि.ली. रस में चुटकी भर काली मिर्च व थोड़ा-सा शहद मिलाकर पीना भी हिता वह है । भारत में यह सब्जी सर्वत्र पायी जाती है।

पुनर्नवा का शरीर पर होने वाला रसायन कार्य :
दूध, अश्वगंधा आदि रसायन द्रव्य रक्त-मांसादि को बढ़ाकर शरीर का बलवर्धन करते हैं परंतु पुनर्नवा शरीर में संचित मलों को मल-मूत्रादि द्वारा बाहर निकालकर शरीर के पोषण का मार्ग खुला कर देती है ।बुढ़ापे में शरीर में संचित मलों का उत्सर्जन यथोचित नहीं होता ।
पुनर्नवा अवरूद्ध मल को हटाकर हृदय, नाभि, सिर, स्नायु, आँतों व रक्तवाहिनियों को शुद्ध करती है, जिससे मधुमेह, हृदयरोग, दमा, उच्च रक्तदाब आदि बुढ़ापे में होनेवाले कष्टदायक रोग उत्पन्न नहीं होते। यह हृदय की क्रिया में सुधार लाकर हृदय का बल बढ़ाती है । पाचकाग्नि को बढ़ाकर रक्तवृद्धि करती है । विरूद्ध आहार व अंग्रेजी दवाओं के अतिशय सेवन से शरीर में संचित हुए विषैले द्रव्यों का निष्कासन कर रोगों से रक्षा करती है।
बाल रोगों में लाभकारी पुनर्नवा शरबत :
पुनर्नवा के पत्तों के 100 ग्राम स्वरस में मिश्री चूर्ण 200 ग्राम व पिप्पली (पीपर) चूर्ण 12 ग्राम मिलाकर पकायें तथा चाशनी गाढ़ी हो जाने पर उसको उतार के छानकर शीशी में रख लें । इस शरबत को 4 से 10 बूँद की मात्रा में (आयु अनुसार) रोगी बालक को दिन में तीन-चार बार चटायें । खाँसी, श्वास, फेपडों के विकार, बहुत लार बहना, जिगर बढ़ जाना, सर्दी-जुकाम, हरे-पीले दस्त, उलटी तथा बच्चों की अन्य बीमारियों में बाल-विकारशामक औषधि कल्प के रूप में इसका उपयोग बहुत लाभप्रद है ।
पुनर्नवा के 25 चमत्कारी फायदे :
पुनर्नवा रक्तशोधन में उपयोग किया जाता है। यह रक्त से विषैले पदार्थों को दूर कर कई रोगों को नष्ट कर देता है।
पुनर्नवा का उपयोग जोड़ों के दर्द से निजात दिलाता है। यह किसी भी तरह के आर्थराइटिस में उपयोगी साबित होता है।
पुनर्नवा शरीर को ऊर्जा देता है। यह मांसपेशियों को मज़बूत कर कमज़ोरी और दुबलापन दूर करता है।
पुनर्नवा पेट से जुडी बीमारियों को दूर करता है। आँतों में ऐठन, अपच और पेट में ज़रूरी अम्लों की कमी जैसे रोगों में यह जल्द आराम दिलाता है।
किसी भी तरह के चर्मरोग जैसे दाग, धब्बे, छाई , चोट के निशान आदि पर पुनर्नवा के जड़ को पीस कर लेप बनाकर लगाएं। कुछ ही दिनों में आप रोग को दूर होता पाएंगे।
पुनर्नवा उपयुक्त वज़न बनाये रखने में मदद करता है। यह अतरिक्त वसा कम करता है तथा दुबलेपन को भी दूर करता है। पुनर्नवा का नियमित सेवन मूत्रप्रवाह को सुचारू कर शरीर को स्वस्थ और स्वच्छरखता है। यह कोशिकाओं में तरल पदार्थ के प्रवाह को भी बेहतर करता है।
ये कैन्सर के मरीज़ों के लिए आयुर्वेद जगत की सबसे अद्भुत औषधि है क्यूँकि ये नयी कोशिकाएँ बनाती है। ये नयी कोशिकाएँ कैन्सर से लड़ने में शक्ति प्रदान करती है।
पैरालिसिस, शरीर के किसी विशेष हिस्से का सुन्न पड़ना और मांसपेशियों में कमज़ोरी आना जैसी समस्याएं भी पुनर्नवा के सेवन से दूर होती है। नेत्रों की फूलीः पुनर्नवा की जड़ को घी में घिसकर आँखों में आँजें।
नेत्रों की खुजलीः पुनर्नवा की जड़ को शहद या दूध में घिसकर आँख में आँजें।
नेत्रों से पानी गिरनाः पुनर्नवा की जड़ को शरहद में घिसकर आँखों में आँजें।
पेट के रोगः गोमूत्र एवं पुनर्नवा का रस समान मात्रा में मिलाकर पीयें।
पेट की गैसः 2 ग्राम पुनर्नवा के मूल का चूर्ण, आधा ग्राम हींग व 1 ग्राम काला नमक गर्म पानी से लें।
मूत्रावरोधः पुनर्नवा का 40 मि.ली. रस अथवा उतना ही काढ़ा पीयें पुनर्नवा के पत्ते बाफकर पेडू पर बाँधें । 1 ग्राम पुनर्नवाक्षार (आयुर्वेदिक औषधियों की दुकान से मिलेगा) गर्म पानी के साथ पीने से तुरंत फायदा होता है।
पथरीः पुनर्नवा की जड़ को दूध में उबालकर सुबह-शाम पीयें । 6. सूजनः पुनर्नवा की जड़ का काढ़ा पिलाने एवं सूजन पर जड़ को पीसकर लेप करने से लाभ होता है। पीलियाः पुनर्नवा के पंचांग (जड़, छाल, पत्ती, फूल और बीज) को शहद एवं मिश्री के साथ लें अथवा उसका रस या काढ़ा पीयें।
पागल कुत्ते का विषः सफेद पुनर्नवा के मूल का 25 से 50 ग्राम घी में मिलाकर रोज पीयें।
फोड़ाः पुनर्नवा के मूल का काढ़ा पीने से कच्चा अथवा पका हुआ फोड़ा भी मिट जाता है।
अनिद्राः पुनर्नवा के मूल का 100 मि.ली. काढ़ा दिन में 2 बार पीयें।
संधिवातः पुनर्नवा के पत्तों की सब्जी सोंठ डालकर खायें।
एड़ी में वायुजन्य वेदना होती हो तो ‘पुनर्नवा तेल’ एड़ी पर घिसें व सेंक करें।
खूनी बवासीरः पुनर्नवा के मूल को पीसकर फीकी छाछ (200 मि.ली.) या बकरी के दूध (200 मि.ली.) के साथ पीयें।
हृदयरोगः हृदयरोग के कारण सर्वांग सूजन हो गयी तो पुनर्नवा के मूल का 10 ग्राम चूर्ण और अर्जुन की छाल का 10 ग्राम चूर्ण 200 मि.ली. पानी में काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पीयें।
दमाः 10 ग्राम भारंगमूल चूर्ण और 10 ग्राम पुनर्नवा चूर्ण को 300 मि.ली. पानी में उबालकर काढ़ा बनायें । 50 मि.ली. बचे तब सुबह-शाम पीयें।



कौन हैं राजीव दीक्षित ????

संक्षिप्त में कहें तो यदि मंगल पांडे को स्वतन्त्रता संग्राम का प्रथम क्रांतिकारी माना जाय तो राजीव दीक्षित स्वत्रंत भारत के आखिरी क्रांतिकारी हैं क्यों कि उसके बाद न उन सा कोई हुआ है न ही दूर दूर तक होने की कोई सम्भावना है..

अमर बलिदानी स्वदेशी के महानायक भाई राजीव दीक्षित का परिचय कम शब्दों में

1– राजीव भाई ही थे जिन्होंने महर्षि दयानंद श्री तिलक ओर गांधीजी के बाद स्वदेशी के विराट महत्व  को पुनः हमें बताया ..

2–राजीव भाई ही थे जिन्होंने भारत देश के  गौरवशाली इतिहास का बोध हमे करवाया..

3– राजीव भाई ने ही बताया कि 15 अगस्त 1947 को भारत को केवल आजादी मिली,पर हम अंग्रेजो के कानूनों के अब भी गुलाम हैं..

4  राजीव जी ने बताया कि विदेशी कम्पनी के मैगी नूडल जहर हैं और जॉनसन बेबी पाउडर इत्यादि  कैंसरकारक है जो आज सरकार ने भी मान लिया है..

5– राजीव भाई ने ही बताया कि नेहरू ने सत्ता की लालच में आजादी भीख में ली थी न की हमें आजादी मिली थी..

6– राजीव जी ने ही  अमेरिका में हुए 9/11 हमले को विश्व में पहली बार बताया कि वो हमला अमेरिका ने खुद ही कराया है..

7– राजीव जी ने ही सर्वप्रथम Right to Recall  ओर राइट टू रिजेक्ट के बारे में बताया जो कि विश्व के कई सारे लोकतांत्रिक देशों में अमल में है जिससे भ्रष्टाचारी नेताओं की नाक में नकेल डाली जा सकती है

8 राजीव जी ने ही सबसे पहले विदेशी बैंकों में जमा 300 लाख करोड़ काले धन की सचाई बताकर सुप्रीम कोर्ट को ओर पूरे देश को सकते में ला दिया था

9– राजीवजी ने लाल बहादुर शास्त्री जी के मौत हार्ट अटैक से नहीं बल्कि जहर देकर करवाई गई ,ये  सच्चाई देश को पहली बार बताई..

12– राजीवजी ने कोर्ट में गौ–हत्या  पर पाबन्दी लाने का मुकदमा लड़ा,और  जीता  एवम सुप्रीम कोर्ट ने  अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया

12– राजीव भाई ने कीटनाशक रिफाइंड तेल  आयोडीन नमक  व चीनी को सफेद जहर सिद्ध किया  और परम्परागत गुड़ व सेंधा नमक के चमत्कारिक लाभो को बताया

15 राजीवभाई को सुनकर के सारे डाक्टर इंजीनयर विद्यार्थी स्वदेश की तरफ आये और यहीं के हो गए..

16– राजीव भाई ने ही सबसे पहले भारत मे काम करनेवाली 5000 से ज्यादा विदेशी कम्पनियों के खिलाफ स्वदेशी की मुहिम चलाई ओर बताया।कि कैसे ये कम्पनीयाँ हमारे देश का पैसा ले जाती  हैं और हमे गरीब बनाती हैं..

17– राजीव भाई ही थे जिन्होंने सबसे  पहले बताया पेप्सी कोका कोला कोला जहर है एवम इसे टॉयलेट क्लीनर का नाम दिया..

18–राजीव जी ने बताया की भोपाल गैस हादसे कोई हादसा नहीं बल्कि अमरीकी कंपनी का षड्यंत्र था ओर अंत में राजीवजी ने उस कम्पनी को भारत से भगाकर ही दम लिया..

21– राजीवभाई ने कोन्ग्रेस ओर बीजेपी को सांपनाथ ओर नागनाथ कहते हुए बताया कि दोनों सत्ता के लालची मौसेरे भाई हैं पांच साल तू लूट पांच साल में लुटूँ
..
22– अपनी बर्बादी के डर से ओर राजनेताओ के दबाव के कारण किसी tv चेनल की राजीवभाई का इंटरव्यू करने की निम्मत न हो सकी..

23–राजीव भाई ने बताया कि जन गण मन गुलामी का गीत है एवम वन्दे मातरम ही भारतमाता का गीत है..

24– राजीवभाई के दिमाग में भारत और विश्व का 5000 का इतिहास कंठस्थ था , जिसके कारण उन्हें चलता-फिरता कंप्यूटर कहा जाता था..

26.राजीव भाई ने  एलोपेथी कंपनयियो की आर्थिक लूट से हमें परिचित करवाया एवम आयुर्वेद के महत्व चमत्कारिक लाभ बताये जिससे देश का।पैसा बाहर न जाए और अधिकांश लोग सस्ते में ही इलाज कर सकें..

27.राजीव भाई ही थे जिन्होंने बताया किस तरह अमेरिका जैसा देश भारत जैसे अल्पविकसित देशो को आपस मे लड़वाकर अपने हथियार बेच रहा है ओर अपने हित साध रहा है..

28.राजीव भाई ने शहीदेआजम भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद रामप्रसाद बिस्मिल जी की तरह उच्च विचार हमें दिए व खुद इन अमर शहीदों जैसा जीवन जिया..

मै तो कुछ बाते ही लिख पाया हूँ। राजीव दीक्षित जी के द्वारा किए गए कार्य को हम नही भूल सकते। उनको शत शत नमन।

#क्या आप जानते हैं 30 नवम्बर 2010 को राजीव जी  मौत ह्रदयाघात से बताई गई किन्तु वास्तव में राजीव भाई की मौत सामान्य नहींथी बल्कि हत्या थी ओर हत्या भी उनके साथी रामदेव व उसके साथियों ने की
ओर सबूत नष्ट कर दिए  बिल्कुल  लाल बहादुर शास्त्री जी की तरह षड्यंत्र पूर्ण हत्या थी।

नोट--हमसे जुड़ने के लिए निम्न नम्बरों पर अपने पूर्ण परिचय के साथ wp कीजिये।
#justice for Rajiv Dikshit Group
9425128151 , 9630959543, 9891326074,
राजीव भाई के हर विषय पर ओजस्वी व्याख्यान सुनने के लिए youtube पर Rajiv Dixit सर्च कीजिये।

                              जय हिंद      वंदेमातरम