Thursday, November 30, 2017

राजीव भाई की पुण्यतिथि 30 नवंबर नही है!

राजीव भाई की जन्म या पुण्यतिथि 30 नवंबर नही है!
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भारतीयता को पुनः स्थापित करने का लक्ष्य लिए राजीव भाई ने अपने प्राण दे दिए।

उन्ही राजीव भाई के 51वीं जन्मतिथि और सातवी पुण्यतिथि को विदेशी कैलेंडर के अनुसार मनाना सही नही है। अपना न सही कम से कम राजीव भाई को सही तिथि पर याद कर इतना सम्मान देना हमारा कर्तव्य है।

सभी की भावनाओ का सम्मान करते हुए मैं कुछ विशेष जानकारी दे रहा हूँ।

राजीव भाई की भारतीय पंचांग के अनुसार वास्तविक जन्मतिथि है
वर्ष: 2023 विक्रम सम्वत
पक्ष: कृष्ण पक्ष
माह: मार्गशीर्ष
दिवस: द्वितीया

और यह दिन विदेशी कैलेंडर के अनुसार
30 नवंबर 1966 है।
30 नवंबर 1967 नही जैसा कि सब जगह लिखा जा रहा है।

2017 में यह दिन 5 नवंबर को पड़ा जो कि निकल चुका है। उस दिन ईश्वर से राजीव भाई की आत्मा की शांति की प्रार्थना कर चुका हूँ।

और अब बात आई उनकी पुण्यतिथि की

यदि विश्लेषण किया जाए तो राजीव भाई का देहांत 29 नवंबर 2010 को हुआ था अर्थात

वर्ष : विक्रम संवत 2067
पक्ष: कृष्ण पक्ष
माह: मार्गशीर्ष
दिवस: अष्टमी

न कि प्रचलित दिनाँक 30 नवंबर 2010 के दिन।
2017 में यह दिन 11 नवंबर को आया था जिस दिन कुरुक्षेत्र में पञ्चगव्य चिकित्सा महासम्मेलन में राजीव भाई को श्रद्धांजलि दी गयी।

राजीव भाई का देहांत यदि उनके तथाकथित निकटतम कुछ लोगो की माने तो 29 नवंबर की रात के लगभग 12 बजे के आसपास हुआ जो पहले या बाद में दोनों हो सकता है। जिसका अर्थ है कि भारत मे रात के 12 बजे के बाद अगला दिन नही माना जाता। यहां ब्रह्ममुहूर्त जो कि प्रातः 4 बजे के आसपास का समय है उससे अगले दिन का प्रारंभ माना जाता है।

यूरोप में घड़ी लगभग 4 से 5 घंटे हमसे पीछे है। इसीलिए जब यहां सुबह के 4 बजते है तो वहाँ लगभग रात के 12 बजते है। इसीलिए वे लोग हमारे समय के अनुसार अपना अगला दिन रात के 12 बजे के बाद मानते है। लेकिन हम मूर्ख उनके द्वारा की गई हमारी नकल की भी नकल कर भारत मे भी अगला दिन 12 बजे के बाद मानने लगे।

इसके अनुसार अब यदि राजीव भाई का देहांत 29 नवंबर को रात 11 बजे या 1 बजे भी हुआ होगा तो भारतीय समय के अनुसार तो वह पिछला ही दिन था अर्थात काल भैरव अष्टमी का दिन।

राजीव भाई को इतना तो सम्मान दे कि भारतीयता के साथ उनके जीवन के महत्वपूर्ण दिनों को याद करें।

उनके निकट के लोगो ने अपनी सुलभता के लिए 30 नवंबर को दोनों काम निपटाने के चक्कर मे यह सब प्रचलित किया।

हम सभी यदि श्रीरामनवमी, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, बुद्ध जयंती जैसे सब महत्वपूर्ण दिन यदि भारतीय पंचांग के अनुसार मनाते है तो राजीव भाई जैसे युगपुरुष को भी भारतीय होने कर कारण इतना सम्मान तो हम दे ही सकते है।

हम श्रीराम के जन्म के अनुसार अपने जन्मदिन या अन्य महत्वपूर्ण दिवस मनाये तो ही अच्छा न कि ईसामसीह के जन्म के अनुसार मनाकर परोक्ष रूप से ईसाइयत फैलाए।

क्योंकि आने वाली पीढ़ी का कोई भरोसा नही आज तो कई राजीव भाई के समर्थक जाने- अनजाने में मोमबत्ती के साथ उनकी फोटो को आपस मे प्रेषित रहे है।

आगे चलकर ऐसा न हो कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तरह राजीव भाई के लिए भी लोग केक काटने लगे।

यह बात में धर्मसापेक्ष होकर कह रहा हूँ। जिसको भी बुरा लगता हो तो लगे।

राजीव भाई को शत शत नमन
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विरेंद्र का विश्लेषण
संपर्क:
Virendersingh16@rediffmail.com
Youtube.com/virendersingh16

Friday, November 24, 2017

Diebetes...

*एक नंगा सच.. जानिये.!*
क्या आप जानते हैं, *1997 से पहले fasting diebetes की limit 140 थी।*
फिर *fasting sugar की limit 126 कर दी गयी।*
इससे *world population में 14% diebetec लोग अचानक बढ़ गए।*
उसके बाद *2003 में WHO ने फिर से fasting sugar की limit कम करके 100 कर दी।*
याने फिर से *total population के करीबन 70% लोग diebetec माने जाने लगे।*
दरअसल *diebetes ratio या limit तय करने वाली कुछ pharmaceutical कंपनियां थीं जो WHO को घूस खिलाकर अपने व्यापार को बढ़ाने के लिये ये सब करवा रही थीं।*
*और अपना बिज़नेस बढ़ाने के लिए ये किया जाता रहा।*
लेकिन क्या आपको पता है कि
*हकीकत में डायबिटीज को कैसे जांचना चाहिए ?*
*कैसे पता चलेगा कि आप डायबिटीज के शिकार हैं भी या नहीं ?*
पुराने जमाने के इलाज़ के हिसाब से
*डायबिटीज चेक करने का एक सरल उपाय है*
*आप की उम्र और + 100*
जी हाँ
यही एक सचाई है
*अगर आपकी उम्र 65 है तो आपका सुगर लेवल खाने के बाद 165 होना चाहिये।*
*अगर आपकी age 75 है तो आपका नॉर्मल सुगर लेवेल खाने के बाद 175 होना चाहिए।*
*अगर ऐसा है तो इसका मतलब आपको डायबिटीज नहीं है।*
ये होता है age के हिसाब से यानी..
*So now you can count your diebetec limit as 100 + your age.*
*अगर आपकी उम्र 80 है तो फिर आपकी डायबिटिक लिमिट खाने के बाद 180 काउंट की जानी चाहिये।*
*मतलब अगर आपका सुगर लेवल इस उम्र में भी 180 है तो आप डायबिटिक नहीं हैं।*
*आपकी गिनती नॉर्मल इंसान जैसी होनी चाहिये।*
*लेकिन W.H.O. को अपने कॉन्फिडेंस में लेकर बहुत सारी फार्मा कम्पनियों ने अपने व्यापार के लिये सुगर लेवेल में उथल पुथल कर दी और आम जनता उस चक्रव्यूह में फंस गई।*
*No Doctor can guide u.*
*No one will advice u.*
*But its a bitter truth.!*
उसके साथ साथ एक सच ये भी है कि,
*अगर आपकी पाचन शक्ति उत्तम है तो आपको कोई टेंशन लेने की कोई जरूरत नहीं है*
*या फिर आप अपने जीवन में कोई टेंशन नहीं लेते।*
*आप अच्छा खाना खाते हो*
*आप जंक फूड, ज्यादा मसालेदार या तैलीय भोजन या फ़्राईड फूड नहीं खाते*
*आप रेगुलर योगा या कसरत करते हैं*
*और आपका वजन आपकी हाइट के हिसाब के बराबर है*
*तो आपको डायबिटीज हो ही नहीं सकती।।*
यही सत्य है, बस टेंशन न लें अच्छा खाना खाएं, एक्सरसाइज करते रहें,
💐 और फिर
*खुश भी रहिये और*
*स्वस्थ भी..!!*

Thursday, November 9, 2017

9 नवम्बर उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस।

आप सभी लोगों को 9 नवम्बर उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
उत्तराखंड राज्य प्रगति के पथ पर सदा बढ़ते रहे। 

राज्य स्थापना दिवस पर आपको और सम्पूर्ण प्रदेशवासियों को भी लम्बे संघर्ष एवं अलग राज्य हेतु आन्दोलन में सम्मिलित सभी आन्दोलनकारियों को सम्मान एवं शहीदों को नमन ।

बस भूलें नहीं कि उत्तराखण्ड एक लम्बे संघर्ष का परिणाम है और हमें इसे और उत्कृष्ट बनाना है।

*उत्तराखंड* जिसने देश को वीर जवान दिये।

*उत्तराखंड* – जहां सूरज की पहली किरण चांदी विखेरती है।
*उत्तराखंड* – जहाँ भगवान शिव की सुसराल है। जहाँ उनका विवाह हुआ।

*उत्तराखंड* – जहाँ गणेश भगवान का जन्म हुआ।

*उत्तराखंड* – जहाँ भगवान् शिव का तीर्थस्थान बद्रीनाथ केदारनाथ का मन्दिर है।

*उत्तराखंड* – जहाँ सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी गुरूद्वरा है। हेम कुण्ड साहिब.

*उत्तराखंड* – जहाँ के राजा माधव सिंह भण्डारी से लड़ने की हिम्मत सिकंदर को भी नहीं हुई !

*उत्तराखंड*- जहाँ की बाल मिठाई पूरी दुनियां में अंतरराष्ट्रीय बाल मिठाई के नाम से प्रसिद्ध है !

*उत्तराखंड* – जहाँ के सैनिकों ने अरब तक हिंदुस्तान का पताका फहराया।

*उत्तराखंड* – जो गांधी जी का पहला प्रेरणादायक स्रोत गंगा जल को ले गये (हरिद्वार)!

*उत्तराखंड* – जहाँ के लोगों ने अपने पुस्तनी गाँव को भी दे दिया जहाँ आज दुनिया का नम्बर 1 डैम बन कर तैयार हुवा जो आज दुनियां को बिजली दे रहा है। जो टिहरी के नाम से मशहूर है।

*उत्तराखंड* – जहाँ के सैनिकों से लड़ने की हिम्मत चीन की भी नहीं हुई।

*उत्तराखंड* – जहाँ के 35साल के नोजवान ने 1857 की क्रांति में दो बार अंग्रेजों को हराया, अंग्रेजो के दांत खट्टे कर दिए (माधो सिंह भण्डारी )।

*उत्तराखंड* – जहाँ के पर्वतों के किस्से पुरे हिंदुस्तान में प्रसिद्ध हैं।

*उत्तराखंड* – जहाँ सम्पूर्ण क्रांति के जनक महान का जन्म हुआ।

*उत्तराखंड* – जहाँ जीवन दायनी गंगा जी का जन्म हुआ।

*उत्तराखंड* – जहाँ भिखारी कभी नहीं मिलेंगे क्योंकि यहां के लोग मेहनत करते हैँ। और लोगोँ कासम्मान करते हैँ।

*उत्तराखंड* – जहाँ आज भी लोग न गंदगी फैलाते हैं ना नफरत

*उत्तराखंड* – जहाँ सृष्टि की पहली शादी में दक्षप्रजापति की पुत्री का विवाह भगवान शिवशंकर से हुआ।

*उत्तराखंड* – जहाँ एक साधारण शिक्षक SUPER 30 जैसा निःशुल्क बिना किसी सहायता के चलाकर गरीब बच्चों को IIT में दाखिला दिलाता है !

*उत्तराखंड* – जहाँ आज भी दिलो में प्रेम बसता है।

*उत्तराखंड* – जहाँ भी बच्चे अपने माँ – बाप का अनुसरण एवं आदर करते हैं।

*उत्तराखंड* – जहाँ से सबसे ज्यादा बच्चे देश की सबसे कठिन परीक्षा और IIT पास करते हैँ।

*उत्तराखंड* – जहाँ के गाँव में आज भी दादा-दादी अपने बच्चों को कहानियां सुनाते हैँ।

*उत्तराखंड* – जहाँ आज भी भूखे रह के अतिथि को खिलाने की रवायत है।

*उत्तराखंड* – जहाँ आज भी सबसे ज्यादा पेड़ हैँ।

*उत्तराखंड* – जहाँ के बच्चे कोई सुविधा न होते हुए भी देश में सबसे ज्यादा तैराक हैँ।

हम इसी *उत्तराखंड* के रहने वाले हैं, तो क्यूँ न करें खुद के *उत्तराखंड* होने पर गर्व।

Tuesday, November 7, 2017

जानिए IPC में धाराओ का मतलब।

*धारा 307* = हत्या की कोशिश
*धारा 302* = हत्या का दंड
*धारा 376* = बलात्कार
*धारा 395* = डकैती
*धारा 377* = अप्राकृतिक कृत्य
*धारा 396* = डकैती के दौरान हत्या
*धारा 120* = षडयंत्र रचना
*धारा 365* = अपहरण
*धारा 201* = सबूत मिटाना
*धारा 34* = सामान आशय
*धारा 412* = छीनाझपटी
*धारा 378* = चोरी
*धारा 141* = विधिविरुद्ध जमाव
*धारा 191* = मिथ्यासाक्ष्य देना
*धारा 300* = हत्या करना
*धारा 309* = आत्महत्या की कोशिश
*धारा 310* = ठगी करना
*धारा 312* = गर्भपात करना
*धारा 351* = हमला करना
*धारा 354* = स्त्री लज्जाभंग
*धारा 362* = अपहरण
*धारा 415* = छल करना
*धारा 445* = गृहभेदंन
*धारा 494* = पति/पत्नी के जीवनकाल में पुनःविवाह
*धारा 499* = मानहानि
*धारा 511* = आजीवन कारावास से दंडनीय अपराधों को करने के प्रयत्न के लिए दंड


हमारेे देश में कानूनन कुछ ऐसी हकीक़तें है, जिसकी जानकारी हमारे पास नहीं होने के कारण हम अपने अधिकार से मेहरूम रह जाते है।
तो चलिए ऐसे ही कुछ पांच रोचक फैक्ट्स की जानकारी आपको देते है, जो जीवन में कभी भी उपयोगी हो सकती है.

(1) शाम के वक्त महिलाओं की गिरफ्तारी नहीं हो सकती.
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कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर, सेक्शन 46 के तहत शाम 6 बजे के बाद और सुबह 6 के पहले भारतीय पुलिस किसी भी महिला को गिरफ्तार नहीं कर सकती, फिर चाहे गुनाह कितना भी संगीन क्यों ना हो. अगर पुलिस ऐसा करते हुए पाई जाती है तो गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी के खिलाफ शिकायत (मामला) दर्ज की जा सकती है. इससे उस पुलिस अधिकारी की नौकरी खतरे में आ सकती है।

(2.) सिलेंडर फटने से जान-माल के नुकसान पर 40 लाख रूपये तक का बीमा कवर क्लेम कर सकते है.
पब्लिक लायबिलिटी पॉलिसी के तहत अगर किसी कारण आपके घर में सिलेंडर फट जाता है और आपको जान-माल का नुकसान झेलना पड़ता है तो आप तुरंत गैस कंपनी से बीमा कवर क्लेम कर सकते है. आपको बता दे कि गैस कंपनी से 40 लाख रूपये तक का बीमा क्लेम कराया जा सकता है. अगर कंपनी आपका क्लेम देने से मना करती है या टालती है तो इसकी शिकायत की जा सकती है. दोषी पाये जाने पर गैस कंपनी का लायसेंस रद्द हो सकता है।

(3) कोई भी हॉटेल चाहे वो 5 स्टार ही क्यों ना हो, आप फ्री में पानी पी सकते है और वाश रूम इस्तमाल कर सकते है.
इंडियन सीरीज एक्ट, 1887 के अनुसार आप देश के किसी भी हॉटेल में जाकर पानी मांगकर पी सकते है और उस हॉटल का वाश रूम भी इस्तमाल कर सकते है. हॉटेल छोटा हो या 5 स्टार, वो आपको रोक नही सकते. अगर हॉटेल का मालिक या कोई कर्मचारी आपको पानी पिलाने से या वाश रूम इस्तमाल करने से रोकता है तो आप उन पर कारवाई कर सकते है. आपकी शिकायत से उस हॉटेल का लायसेंस रद्द हो सकता है।

(4) गर्भवती महिलाओं को नौकरी से नहीं निकाला जा सकता.
मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट 1961 के मुताबिक़ गर्भवती महिलाओं को अचानक नौकरी से नहीं निकाला जा सकता. मालिक को पहले तीन महीने की नोटिस देनी होगी और प्रेगनेंसी के दौरान लगने वाले खर्चे का कुछ हिस्सा देना होगा. अगर वो ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ सरकारी रोज़गार संघटना में शिकायत कराई जा सकती है. इस शिकायत से कंपनी बंद हो सकती है या कंपनी को जुर्माना भरना पड़ सकता है।

(5) पुलिस अफसर आपकी शिकायत लिखने से मना नहीं कर सकता.
आईपीसी के सेक्शन 166ए के अनुसार कोई भी पुलिस अधिकारी आपकी कोई भी शिकायत दर्ज करने से इंकार नही कर सकता. अगर वो ऐसा करता है तो उसके खिलाफ वरिष्ठ पुलिस दफ्तर में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. अगर वो पुलिस अफसर दोषी पाया जाता है तो उसे कम से कम 6 महीने से लेकर 1 साल तक की जेल हो सकती है या फिर उसे अपनी नौकरी गवानी पड़ सकती है।

इन रोचक फैक्ट्स को हमने आपके लिए ढूंढ निकाला है ये वो रोचक फैक्ट्स है, जो हमारे देश के कानून के अंतर्गत आते तो है पर हम इनसे अंजान है. हमारी कोशिश होगी कि हम आगे भी ऐसी बहोत सी रोचक बाते आपके समक्ष रखे, जो आपके जीवन में उपयोगी हो।

Saturday, November 4, 2017

ज्यादा दूध देने वाली गौ माता की नस्लें।

भारत में गाय की 37 प्रकार की शुद्ध नस्ल पायी जाती है| जिसमें सबसे ज्यादा दूध देने वाली नस्ल निम्न हैं -

1)गिर गाय (सालाना-2000-6000 लीटर दूध ,स्थान -सौराष्ट्र ,गुजरात)

2)साहिवाल गाय (सालाना-2000-4000 लीटर दूध ,स्थान -UP,हरियाणा,पंजाब)

3)लाल सिंधी ( सालाना-2000-4000 लीटर दूध ,स्थान -उत्पत्ति सिंध में लेकिन अभी पूरे भारत में)

4)राठी (सालाना-1800-3500 लीटर दूध, स्थान-राजस्थान,हरियाणा,पंजाब)

5)थरपार्कर(सालाना-1800-3500 लीटर दूध,स्थान-सिंध,कच्छ,जैसलमेर,जोधपुर)

6)कांक्रेज (सालाना-1500-4000 लीटर दूध,स्थान-उत्तरी गुजरात व राजस्थान)

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### एक शोधपूर्ण सच्चाई ###

ब्राजील देश ने हमारी देसी गायों का आयात कर अब तक 65 लाख गायों की संख्या कर ली है । और इससे भी दोगुनी उन लोंगो ने दूसरे देशों में निर्यात की है।
google पर indian cow in brazil सर्च कर सकते है !
उन लोगों ने दिल से इन गौवंश ( हाँ , सांडो सहित ) की सेवा कर आज औसत में एक गाय से दिनभर में करीब 40 लीटर दूध पाने की शानदार स्थिति बना ली ।

अब सुनिए दूसरी बात :

ब्राजील इस दूध से पाउडर बना कर ऑस्ट्रेलिया ,डैनमार्क को निर्यात करता है ।
जबकि डैनमार्क जैसे देश मे आदमी से अधिक गाय है लेकिन वो अपनी गाय का दूध नहीं पीते ! वहाँ 'milk is white poison' वाली बात प्रचलित है !
और तो और ऑस्ट्रेलिया ,डैनमार्क आदि देश अपनी जर्सी -होलस्टीन युवान ( जिन्हें हम गाय कहते नहीं थकते ! ) के दूध से पाउडर निकाल कर हमारे देश भारत को भेजता है । इस पाउडर को ऑस्ट्रेलिया में उपयोग में लाने पर कड़ा प्रतिबन्ध है । वे सिर्फ ब्राजील के दूध पाउडर को ही उपयोग में लाते हैं ।

क्यों ? क्योंकि ऑस्ट्रेलिया,डैनमार्क आदि देशो की गायों का दूध से डायबिटीज़, कैंसर जैसी भयंकर बीमारी फैलती है । आज हमारा भारत डायबिटीज़ व कैंसर की बीमारी की विश्व राजधानी बनता जा रहा है । भारत की प्रत्येक डेयरी में हुए सम्पूर्ण दूध में से फेट ( क्रीम-मक्खन ) निकालकर उसमे इस आयातित दूषित ऑस्ट्रेलियन , डैनमार्क दूध पाउडर को मिलाकर प्रोसेस किया जाकर थैलियों के माध्यम से हमारी रसोई तक पहुंचाया जाता है ।

ये कैसा दुष्चक्र है !!!! भारत की देसी गाय ब्राजील, वहां से दूध पाउडर ? ऑस्ट्रेलिया का दूषित दूध पाउडर भारत ? और फिर होता है दवाइयों का आयात ।

साथियों, थैली के दूध का प्रयोग तुरन्त बन्द करो । देसी गाय के दूध को किसी भी कीमत पर प्राप्त कर स्वास्थ्य को बचाओ । वैज्ञानिक भाषा मे देसी गाय के दूध तो A2 कहते है और विदेशी (जर्सी हालेस्टियन) गायों के दूध को A1 कहते है ! दोनों के दूध मे क्या अंतर है सैंकड़ों रिसर्च विदेशो मे हो चुकी है !

मित्रो जब आप विदेशी गाय जैसे जर्सी,हाले स्टियन आदि पर ज्यादा रिसर्च करेंगे आपको पता चलेगा की इन्हे सूअर से artificial insemination कर के विकसित किया गया है ।

मित्रो आप देसी गाय के दूध का महत्व समझे अन्य लोगो को समझाएँ ,विदेशी गाय (पूतना भगवान कृष्ण को मरने आई थी ) का दूध ना पीये !

हमारे मूर्ख नीति निर्धारकों ने दूध की मात्रा को गौमाता की उपयोगिता का मापदंड बना दिया। भारतीय संस्कृति का इससे बड़ा अपमान क्या हो सकता था। मित्रो हमने अपनी कमियों को सुधारने की बजाय अपनी गौमाता पर ही कम दूध देने का लांछन लगा दिया। इतिहास गवाह है कि भारत वर्ष में जब तक गौ वास्तव में माता जैसा व्यवहार पाती थी – उसके रख-रखाव, आवास, आहार की उचित व्यवस्था थी, देश में कभी भी दूध का अभाव नहीं रहा।

मित्रो दूध को एक तरफ छोड़ भी दे तो भी गौ माता जीवन के पहले दिन से अंतिम दिन तक गोबर और गौ मूत्र देती है जिससे रसोई गैस का सिलंडर चलता है और गाड़ी भी चलती है विश्वास ना हो तो नीचे दिये गए link पर देखें

LINK https://www.youtube.com/watch?v=Y1kq_mm9az8

जय गौ माता ,जय भारत माता।

राजा नरसिम्हादेवा।

इतिहास जो हमें जानना चाहिए ....
बंगाल (बांग्लादेश सहित) आज इस्लामी हो गया, वहीँ ओडिसा आज भी 95% हिन्दू है .... कैसे ?

सन 1248 ( 13वी शताब्दी ) बादशाह तुगन खान ने उडीसा पर हमला किया । उस समय वहां पर राजा नरसिम्हादेवा का राज था ।

राजा नरसिम्हादेव ने फ़ैसला किया कि इस्लामी हमलावर को इसका जवाब छल से दिया जाना चाहिये । उन्होने तुगन खान को ये संदेश दिया कि वो भी बंगाल के राजा लक्ष्मणसेन की तरह समर्पण करना चाहते हैं, जिसने बिना युद्ध लडे तुगन खान के सामने हथियार डाल दिये थे।

तुगन खान ने बात मान ली और कहा कि वो अपना समर्पण "पूरी" शहर में करे, इस्लाम कबूल करे और जगन्नाथ मंदिर को मस्जिद में बदल दे ।

राजा नरसिम्हादेव राज़ी हो गए और इस्लामिक लश्कर "पूरी" शहर की तरफ़ बढने लगा, इस बात से अन्जान कि ये एक जाल।है। राजा नरसिम्हादेव के हिंदू सैनिक शहर के सारे चौराहों , गली के नुक्कड़ ओर घरों में छुप गये ।

जब तुगन खान के इस्लामिक लश्कर ने जगन्नाथ मंदिर के सामने पहुंचे, उसी समय मंदिर की घंटिया बजने लगी और 'जय जगन्नाथ' का जयघोष करते हिंदू सैनिको ने इस्लामिक लश्कर पर हमला कर दिया। दिनभर युद्ध चला, ज्यादातर इस्लामिक लश्कर को कब्जे में कर लिया गया और कुछ भाग गये । इस तरह की युद्धनीति का उपयोग पहले कभी नहीं हुआ था । किसी हिंदू राजा द्वारा जेहाद का जवाब धर्मयुद्ध के द्वारा दिया गया ।

राजा नरसिम्हादेवा ने इस विजय के उपलक्ष्य में " कोनार्क" मंदिर का निर्माण किया ।

गूगल पर कम से कम ज़रूर देखिये इस शानदार मंदिर को ।

अगर लड़ोगे तो जीतने की गुंजाइश तो होगी ही, मुर्दे लड़ नहीं सकते इसीलिए वो धर्मनिरपेक्षता के खोल में घोगे की तरह छिपने का का ढोंग करते हैं  ।