यधपि हर एक दिन माँ का दिन होता हैँ क्यूँकि मैँ अपने माँ से बहुत प्रेम और स्नेह करता हूँ, परन्तु इस पाश्चात्य सभ्यता के प्रभाव में हम सब अपनी मातृभूमि और अपने भारत के सभ्यता को भूलते जा रहे हैं। वो अभागे जो अपने माता-पिता के साथ नही रहते जो उनके स्नेह और ममता से बंचित हैं। वे लोग जो पूरे साल में इसी दिन को अपने माँ के पास आकर इस दिन का महत्व बढ़ाते और त्यौहार के रूप में मनाते हैं बिना किसी सोच-बिचार एवं बिना किसी इतहास जाने के, जो कि सिर्फ़ और सिर्फ़ एक पाश्चात्य सोच हैँ और कुछ नहीं, बस उन हि लोगोँ के लिये (हैप्पी मदर्स डे )............................आपका मित्र सुबीर कयाल...
जय हिन्द! जय भारत !
जय हिन्द! जय भारत !
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