जो चार धाम पर नहीं जा सकते तो गाय के पास चलें जायें...क्योंकि..
जिन देवताओं का पूजन हम मंदिरों व तीर्थों में जाकर करते हैं वे सारे देवता समूह रूप से गौ माता में विराजमान हैं।
हमारे शास्त्रों में लिखा है कि गाय की सेवा करने से चारधाम के दर्शन के बराबर फल मिलता है।
गाय के चार पांव चार धाम हैं जो व्यक्ति गाय चरण की राख अपने मस्तक पर लगाता है उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।और गौ की परिक्रमा से अक्षयस्वर्ग का भोग व मोक्ष की प्राप्ति भी कर सकते है।
गाय के चार पांव चार धाम हैं जो व्यक्ति गाय चरण की राख अपने मस्तक पर लगाता है उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।और गौ की परिक्रमा से अक्षयस्वर्ग का भोग व मोक्ष की प्राप्ति भी कर सकते है।
इसलिए निर्लिप्त भाव से पूर्ण श्रद्धा व विश्वास के साथ किसी भी कार्य की सिद्धि के लिए व्यक्ति को नित्य गौ माता की सेवा करनी चाहिए।
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आओ गाय से प्यार करें
........आओ चार धाम करें.!
आओ गाय से प्यार करें
........आओ चार धाम करें.!
|| जय गौमाता … जय गौपाला ||
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