Monday, April 25, 2022

हिन्दुओं यह आपके लिए आत्मचिंतन का समय है.

वही कहानी, वही तरीका केवल नाम भेद: हिन्दुओं तुम कब सीखोगे

#डॉ_विवेक_आर्य 

स्थान-हज़रत सैयद अली मीरा दातार दरगाह, उनावा ग्राम, जिला मेहसाणा, गुजरात 
पात्र- सय्यद अली उर्फ़ हज़रत सैयद अली मीरा दातार
पूर्वज- बुखारा से दादा और पिता भारत इस्लाम का प्रचार करने आये थे 
जन्म- रमजान महीने की 29 तारीख,अहमदाबाद  
कार्य- गुजरात के सुलतान अहमद की सेना में सिपाहसालार 
मृत्यु- हिन्दू राजा मेहंदी ने जो मांडगाव की छोटी से रियासत जिसके अंतर्गत 12 ग्राम थे से युद्ध में सय्यद अली का सर अपनी तलवार से काट दिया था। 
मृत्यु के पश्चात गुजरात के सुल्तान ने इस स्थान पर उसकी दरगाह बनवा दी। 
चमत्कारों की सूची- 

१. सय्यद अली की माँ की अकाल मृत्यु हो गई। उसकी दूसरी माता को दूध नहीं था। सैयद अली ने चमत्कार किया। उससे दूध आने लगा। 

२. हिन्दू राजा के सर काटने के बाद भी उसका धड़ बिना सर के तलवार चलाता रहा और उसने राजा का काम तमाम कर दिया। 

३. इसकी दरगाह में मन्नत मांगने वालों को संतान पैदा हो जाती है। दूर दूर से लोग अपने पारिवारिक मनोरोगी सदस्यों को दरगाह में लाते हैं। इसे भूत भगाने वाली दरगाह के नाम से भी जाना जाता है। दरगाह के चमत्कार से अनेकों के मनोरोग, पथरी, कोढ़ आदि बीमारियां दूर हो गई। 

दरगाह में मन्नत मांगने वाले अधिकांश हिन्दू है जो गुजरात के अनेक जिलों से प्रतिदिन आते हैं। साबरकांठा आदि जिलों से हिन्दू भील समुदाय के लोग भी आते हैं। दरगाह का संचालन मुस्लिम खादिमों द्वारा होता है।  जिनके परिवार इसी ग्राम में रहते हैं। 

वही यक्ष प्रश्न-

कुछ सामान्य से 10  प्रश्न हम पाठकों से पूछना चाहेंगे?

1 .क्या एक कब्र जिसमें मुर्दे की लाश मिट्टी में बदल चूंकि है वो किसी की मनोकामना पूरी कर सकती है?

2. सभी कब्र उन मुसलमानों की है जो हमारे पूर्वजों से लड़ते हुए मारे गए थे, उनकी कब्रों पर जाकर मन्नत मांगना क्या उन वीर पूर्वजों का अपमान नहीं है जिन्होंने अपने प्राण धर्म रक्षा करते की बलि वेदी पर समर्पित कर दिये थे?

3. क्या हिन्दुओं के राम, कृष्ण अथवा 33 कोटि देवी देवता शक्तिहीन हो चुकें है जो मुसलमानों की कब्रों पर सर पटकने के लिए जाना आवश्यक है?

4. जब गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहाँ हैं की कर्म करने से ही सफलता प्राप्त होती हैं तो मजारों में दुआ मांगने से क्या हासिल होगा?

5. भला किसी मुस्लिम देश में वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप, हरी सिंह नलवा आदि वीरों की स्मृति में कोई स्मारक आदि बनाकर उन्हें पूजा जाता है तो भला हमारे ही देश पर आक्रमण करने वालों की कब्र पर हम क्यों शीश झुकाते है?

6. क्या संसार में इससे बड़ी मूर्खता का प्रमाण आपको मिल सकता है?

7.. हिन्दू जाति कौन सी ऐसी अध्यात्मिक प्रगति मुसलमानों की कब्रों की पूजा कर प्राप्त कर रहीं है जिसका वर्णन पहले से ही हमारे वेदों- उपनिषदों आदि में नहीं है?

8. कब्र पूजा को हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल और सेकुलरता की निशानी बताना हिन्दुओं को अँधेरे में रखना नहीं तो ओर क्या है?

9. इतिहास की पुस्तकों में गौरी – गजनी का नाम तो आता हैं जिन्होंने हिन्दुओं को हरा दिया था पर मुसलमानों को हराने वाले राजा सोहेल देव पासी का नाम तक न मिलना क्या हिन्दुओं की सदा पराजय हुई थी ऐसी मानसिकता को बना कर उनमें आत्मविश्वास और स्वाभिमान की भावना को कम करने के समान नहीं है?

10. इस्लामिक देशों में पैदा हुए प्रचारकों का भारत की धरती पर आने का प्रयोजन समझने में हिन्दुओं को कितना समय लगेगा?

हिन्दुओं यह आपके लिए आत्मचिंतन का समय है। जागो।

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