Saturday, April 2, 2022

ईद क्यों मनाई जाती है?

जिस व्यक्ति ने इस्लाम की स्थापना की थी उस व्यक्ति का नाम था मोहम्मद। हमारे 18 पुराणों में से एक पुराण है "भविष्य पुराण"

भविष्य पुराण ग्रंथ मैं यह लिखा है कि इस्लाम की स्थापना करने वाला मोहम्मद त्रिपुरासुर राक्षस का पुनर्जन्म था।

यह विषय आप Google पर "मोहम्मद त्रिपुरासुर राक्षस का पुनर्जन्म भविष्य पुराण" सर्च करके विस्तार में पढ सकते हैं।

अब मुख्य विषय पर आते हैं कि ईद क्यों मनाई जाती है? 

इस पैगंबर मोहम्मद के घर के सामने एक घर था जिसके अंदर एक व्यक्ति रहता था उसका नाम था अबू बकर। 

इस आबू बकर की 6 साल की बेटी थी जिसका नाम था आयशा। मोहम्मद ने एक बार आयशा को घर के बाहर खेलते हुए देख लिया मोहम्मद को आयशा बहुत भा गई तब मोहम्मद की उम्र 56 साल थी।

मोहम्मद ने दूसरे दिन आयशा के पिता अबू बकर के पास जाकर कहा की रात को मेरे सपने में अल्लाह आए थे और अल्ला ने मुझे आदेश दिया है कि तू इस आयशा के साथ निकाह कर, तो तुम आयशा का निकाह मेरे साथ करने के लिए तैयार हो जाओ क्योंकि यह अल्लाह का आदेश है।

अबू बकर ने मोहम्मद से कहा की वो आयशा का निकाह उसके साथ करेगा पर मात्र एक शर्त पर की जब भी मोहम्मद की मृत्यु हो जाएगी तो उसके बाद पूरे इस्लाम का राज अबू बकर के हाथ में होगा।

मोहम्मद ने इसके लिए हां कर दी। अब 56 साल का मोहम्मद 6 साल की आयशा के साथ निकाह करने के लिए अपनी बारात लेकर जाता है उस त्यौहार को कहा जाता है "शबे बारात"

3 वर्ष के बाद जब आयशा 9 साल की हुई तब मोहम्मद ने आयशा के साथ संभोग करने की इच्छा जताई पर आयशा ने मना कर दिया।

जब तक आयशा सुहागरात के लिए नहीं मान जाती तब तक मोहम्मद ने आयशा को पूरे दिन भूखा रखने का निर्णय किया।

मोहम्मद आयशा को पूरे दिन भूखा रखता और रात को मात्र एक बार खाना देता। मोहम्मद की जो दूसरी बेगमें थी वह सभी मिलकर आयशा को समझाती की तुम सुहागरात के लिए हां कर दो पर आयशा एक महीने तक मानती नहीं है।

एक महीना बीत जाने के बाद जब आयशा भूख से बेहाल हो जाती है और वह भूख सहन नहीं कर पाती तो मुहम्मद के साथ सुहागरात मनाने के लिए हां कर देती है और बीज की रात मोहम्मद आयशा के साथ सुहागरात मनाता है।

जिस बीज की रात 59 वर्ष के मोहम्मद ने 9 साल की आयशा के साथ सुहागरात मनाई उस सुहागरात की खुशी में मुस्लिम ईद मनाते हैं।

मुस्लिम जो रोजा रखते हैं वो रोजा रख कर आयशा का साथ देते होते हैं कि जैसे आयशा एक महीने तक भूखी रही थी वैसे हम भी भूखे रहेंगे और मात्र रात को एक टाइम खाना खाएंगे।

ऐसा कहा जाता है कि आयशा चांद की तरह खूबसूरत थी तो वह चांद में आयशा को देखते हैं।

अपने सभी मित्रों को यह जानकारी फॉरवर्ड करें।

जय श्री राम 🚩

No comments:

Post a Comment