साईं का जन्म 1838 में हुआ था, पर कैसे हुआ और उसके बाद की पूरी कथा बहुत
ही रोचक है, साईं के पिता का असली नाम
था #बहरुद्दीन, जो कि अफगानिस्तान का एक #पिंडारी था, वैसे इस पर एक फिल्म भी आई थी जिसमे पिंडारियो को देशभक्त बताया गया है, ठीक वैसे ही जैसे गाँधी ने मोपला और नोआखली में हिन्दुओ के हत्यारों को स्वतंत्रता सेनानी कहा था.
औरंगजेब की मौत के बाद मुग़ल साम्राज्य ख़तम सा हो गया था केवल दिल्ली उनके अधीन थी, मराठा के वीर सपूतो ने एक तरह से हिन्दू साम्राज्य की नीव रख ही दी थी, ऐसे समय में मराठाओ को बदनाम करके उनके इलाको में लूटपाट करने का काम ये पिंडारी करते थे, इनका एक ही काम था लूटपाट करके जो औरत मिलती उसका बलात्कार करना!! आज एक का
बलात्कार कल दूसरी का, इस तरह से ये
मराठाओ को तंग किया करते थे, पर समय के साथ साथ देश में अंग्रेज आये और उन्होंने इन पिंडारियो को मार मार कर ख़तम करना शुरू किया.
#साईं_का_बाप जो एक पिंडारी ही था, उसका मुख्य काम था अफगानिस्तान से भारत के राज्यों में #लूटपाट करना!! एक बार लूटपाट करते करते वह महाराष्ट्र के अहमदनगर पहुचा जहा वह एक वेश्या के घर रुक गया, उम्र भी जवाब दे रही थी, सो वो उसी के पास रहने लग गया, कुछ समय बाद उस वेश्या से उसे एक लड़का और एक लड़की पैदा हुआ, लड़के का नाम उसने #चाँद_मियां रखा और उसे लेकर लूटपाट
करना सिखाने के लिए उसे अफगानिस्तान ले गया.
उस समय अंग्रेज पिंडारियो की ज़बरदस्त धर पकड़ कर रहे थे, इसलिए बहरुद्दीन भेस बदल कर लूटपाट करता था. उसने अपने सन्देश वाहक के लिए चाँद मिया को रख लिया|
चाँद मिया आज कल के उन मुसलमान
भिखारियों की तरह था जो चादर फैला कर
भीख मांगते थे, जिन्हें अँगरेज़ #blanket_beggar कहते थे, चाँद मिया का काम था लूट के लिए सही वक़्त देखना और सन्देश अपने बाप को देना, वह उस सन्देश को लिख कर उसे चादर के नीचे सिल कर हैदराबाद से अफगानिस्तान तक ले जाता था | पर एक दिन ये चाँद मियां अग्रेजो
के हत्थे लग गया और उसे पकडवाने में झाँसी के लोगो ने अंग्रेजो की मदद की जो अपने इलाके में हो रही लूटपाट से तंग थे.
उसी समय देश में पहली आजादी की क्रांति हुई और पूरा देश क्रांति से गूंज उठा| अंग्रेजो के लिए विकट समय था और इसके लिए उन्हें खूंखार लोगो की जरुरत थी, बहर्दुद्दीन तो था ही धन का लालची, सो उसने अंग्रेजो से हाथ मिला लिया और झाँसी चला गया वह. उसने लोगो से
घुलमिल कर झाँसी के किले में प्रवेश किया और समय आने पर पीछे से दरवाजा खोल कर रानी लक्ष्मी बाई को हराने में अहम् भूमिका अदा की|
यही चाँद मिया आठ साल बाद जेल से छुटकर कुछ दिन बाद शिर्डी पंहुचा और वह के सुलेमानी लोगो से मिला जिनका असली
काम था गैर-मुसलमानों के बीच रह कर
चुपचाप इस्लाम को बढ़ाना. चाँद मियां ने
वही से अल तकिया का ज्ञान लिया और
हिन्दुओ को फ़साने के लिए #साईं नाम रख कर शिर्डी में आसन जमा कर बैठ गया!! मस्जिद को जानबूझ कर एक हिन्दू नाम दिया और उसके वहा ठहराने का पूरा प्रबंध सुलेमानी मुसलमानों ने किया, एक षड्यंत्र के तहत साईं को #भगवान_का_रूप दिखाया गया और पीछे से ही हिन्दू मुस्लिम एकता की बाते करके स्वाभिमानी मराठाओ को #मुर्दा बनाने के लिए उन्हें उनके ही असली दुश्मनों से एकता निभाने का पाठ पढाया गया. पर पीछे ही पीछे साईं का असली मकसद था लोगो में #इस्लाम_को_बढ़ाना, इसका एक
उदाहरण साईं सत्चरित्र में है कि साईं के पास एक पोलिस वाला आता है जिसे साईं मार मार भगाने की बात कहता है, अब असल में हुआ ये की एक पंडित जी ने अपने पुत्र को शिक्षा दिलवाने के लिए साईं को सोंप दिया पर साईं ने उसका #खतना कर दिया. जब पंडित जी को पता चला तो उन्होंने कोतवाली में रिपोर्ट कर दी! साईं को पकड़ने के लिए एक पुलिस वाला भी आया जिसे साईं ने मार कर भगाने की बात कही थी।
मेरी साई बाबा से कोई निजी दुष्मनी नही है,
परतुं हिन्दू धर्म को नाश हो रहा है, इसलिए मै कुछ सवाल करना चाहता हूँ -
हिन्दू धर्म एक सनातन धर्म है, लेकिन लोग आज कल लोग इस बात से परिचित नही है क्या? जब भारत मे अंग्रेजी सरकार अत्याचार और सबको मौत के घाट उतार रहे थे तब साई बाबा ने कौन से ब्रिटिश अंग्रेजो के साथ आंदोलन किया ? जिदंगी भीख मांगने मे कट गई? मस्जिद मे रह कर कुरान पढना जरूरी था. बकरे हलाल
करना क्या जरूरी था ? सब पाखंड है, पैसा
कमाने का जरिया है। ऐसा कौन सा दुख है कि उसे भगवान दूर नही कर सकते है. श्रीमद भगवत गीता मे लिखा है कि
श्मशान और समाधि की पुजा करने वाले मनुष्य राक्षस योनी को प्राप्त होते हैं.
साई जैसे #पाखंडी की आज इतनी ज्यादा
मार्केटिंग हो गयी है कि हमारे हिन्दू भाई
बहिन आज अपने मूल धर्म से अलग होकर #साई_मुल्ले कि पूजा करने लगे है। आज लगभग हर मंदिर में इस #जिहादी ने कब्जा कर लिया है।
हनुमान जी ने हमेशा सीता राम कहा और आज के मूर्ख हिन्दू हनुमान जी का अपमान करते हुए #सीता_राम_कि_जगह_साई_राम कहने लग गए ।
बड़ी शर्म कि बात है। आज जिसकी मार्केटिंग ज्यादा उसी कि पूजा हो रही है। इसी लिए कृष्ण भगवान ने कहा था कि कलयुग में इंसान पथ और धर्म दोनों से भ्रष्ट हो जाएगा। 100 मे से 99 को नहीं पता साई कौन था, इसने कौन सी किताब लिखी क्या उपदेश दिये पर फिर भी #भगवान_बनाकर_बैठे_है।
साई के माँ बाप का सही सही पता नहीं पर
मूर्खो को ये पता है कि ये किस किस के
अवतार है। अंग्रेज़ो के जमाने मे मूर्खो के साई भगवान पैदा होकर मर गए पर किसी भी एक महामारी भुखमरी मे मदद नहीं की। इसके रहते भारत गुलाम बना रहा पर इन महाशय को कोई खबर नहीं रही। शिर्डी से कभी बाहर नहीं निकला पर पूरे देश मे अचानक इनकी मौत के 90-100 साल बाद इसके #मंदिर_कुकरमूतते_की_तरह_बनने_लगे। चालीसा हनुमान जी की हुआ करती
थी आज साई की हो गयी।
#राम_सीता_के_हुआ_करते_थे। आज साई ही राम हो गए।
#श्याम_राधा_के_थे आज वो भी साई बना दिये गए।
#बृहस्पति_दिन_विष्णु_भगवान_का_होता_था आज साई का मनाया जाने लगा। #भगवान_की_मूर्ति_मंदिरो_में_छोटी_हो_गयी और साई विशाल मूर्ति मे हो गए।
#प्राचीन_हनुमान_मंदिर_दान_को_तरस_गए और साई मंदिरो के तहखाने तक भर गए।
#मूर्ख_हिन्दुओ अगर दुनिया मे सच मे
कलयुग के बाद भगवान ने इंसाफ किया तो याद रखना #मुँह_छुपाने_के_लिए_और_अपनी_मूर्ख_बुद्धि_पर_तरस_खाने_के_लिए_कही_शरण_भी_न_मिलेगी।
इसलिए भागवानो की तुलना #मुल्ले_साई_से_करके_पाप_मत_करो।
और इस लेख को पढ़ने के बाद भी न समझ मे आए तो #अपना_खतना_करवा_के_मुसलमान_बन_जाओ।
साभार
👉 क्या करोगे शेयर करके...
https://youtu.be/MDnEl_ZWmn8
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