Wednesday, June 3, 2020

पैरासिटामोल की सच्चाई।

बच्चों की बुखार की आम दवा पैरासिटामोल से ..यह घर घर में मौजूद एक आम दवा है इसके कई नाम है जैसे क्रोसिन ,काल्पोल इत्यादि !
पैरासिटामोल के कुछ चौकाने वाले तथ्य
पैरासिटामोल का ओवरडोज (अधिक मात्रा ) जहर है और प्राणघातक है ..यह बात कई लोगो को पता नहीं है

१) ओवर डोज़ से लीवर फेल होने से मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है
२)ज्यादा दिन लगातार लेने से किडनी फेल हो जाती है
३)लगातार लेने से लीवर पर बुरा असर पढता है और पीलिया (ज्योंडिस) हो जाता है
४)ओवरडोज क्यों होता है ? डाक्टर की लापरवाही से ..बुखार से पीड़ित डाक्टर के पास आने पर पहले से पारासिटामोल ले रहा होता है ..डाक्टर अपनी चतुराई दिखा कर उसे ‘एसिटामिनोफिन’ लेने को कहते है ..जो की पारासिटामोल का दूसरा नाम है ..मरीज़ इन दोनों को अलग दवा समझ कर दोनों लेता है ..और नतीजा ओवरडोज !
तुलसी के पत्ते और गिलोय की डण्डी का काढा बुखार उतारने में लाभदायक है

सावधान: कहीं आप भी तो ये दवाएं नहीं लेते हैं?

केंद्र सरकार ने देश में 344 दवाइयों पर रोक लगा दी है. वजह है इन दवाओं का सेहत पर पड़ने वाला हानिकारक प्रभाव. सरकार के इस आदेश के बाद से ऐसी कई दवाइयां जो बाजार में धड़ल्ले से बिक रही थीं उन पर रोक लग गई है.

मिनटों में बंद नाक, सिरदर्द और सर्दी से राहत देने का दावा करने वाली विक्स एक्शन 500 एक्स्ट्रा पर बैन लग गया है. हालांकि विक्स की तीन और दवाइओं पर बैन नहीं है. ज्यादातर लोग बचपन से इस दवा के बारे में देखते और सुनते आ रहे हैं लेकिन अब आपको ये दवा देखने को नहीं मिलेगी. इसके साथ ही
खांसी में ली जानी वाली कोरेक्स और फेंसिडिल कफ सिरप भी अब मेडिकल स्टोर से गायब हो जाएंगी.

केंद्र सरकार ने करीब 344 दवाओं पर रोक लगाई है. इनमें से कुछ हैं.

पैरासिटामोल, 
फेनिल्फराइन,
कैफीन
रेबप्राजोल,
एसिक्लोफेनक,
निमेस्यूलाइड,
डाइक्लोफेनेक,
सिट्रिजन, 
टाइजेनिडाइन
और फिनाइलेफ्रीन

विक्स एक्शन 500 एक्सट्रा में पैरासिटामोल फेनिल्फराइन और कैफीन का मिश्रण होता है. ऐसी कोई भी दवा जिसमें प्रतिबंधित इन दवाओं की मात्रा होगी अब उस पर रोक लग गई है.

ये तो चंद दवाएं हैं जिसके बारे में हम आप जानते हैं–ऐसी करीब 344 दवाएं हैं जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रतिबंधित कर दिया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन यानि एफडीसी दवाएं इंसान की सेहत पर काफी बुरा असर डालती हैं. अगर ये दवाएं आप नियमित तौर पर लेते हैं तो ये आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देती है. यानि ये फौरी तौर पर बीमारियों से लड़ने में हमें मदद तो करती हैं लेकिन धीरे-धीरे ये रोगों से लड़ने की क्षमता को ही खत्म कर देती हैं. ये स्थिति किसी भी इंसान के लिए बेहद खतरनाक होती है. ऐसी हालात में अगर आप बीमार होते है तो दवाओं का असर नहीं होता है. कुछ मामलों में तो शरीर के अंग तक काम करना बंद कर देते हैं फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन वाली दवाएं गली-मोहल्लों में आसानी से मिल जाती हैं जिसे लोग बिना डॉक्टर की सलाह के लेते हैं.

फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन के जरिए दो या दो से ज्यादा दवाओं को मिलाकर दवा तैयार की जाती है. इनमें ज्यादातर एंटीबायोटिक दवाएं होती हैं जिनका इस्तेमाल दर्द निवारक की तरह होता है. अगर इन दवाओं को ज्यादा मात्रा में लिया जाता है तो ये जानलेवा साबित हो सकती हैं. केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के साथ ये लीवर को भी नुकसान पहुंचाती हैं. हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है .

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