१ :: मौला साई का सेवक अब्दुल बाबा जो लगभग तीस साल तक बाबा के साथ मस्जिद मे ही रहा रोज बाबा को क़ुरान सुनाता था . वो रोज रामायण या गीता नही सुनते थे .
२ :: महाराष्ट्र मे शिर्डी साई मंदिर मे गाई जाने वाली आरती का अंश
मंदा त्वांची उदरिले! मोमीन वंशी जन्मुनी लोँका तारिले!” उपरोक्त
.फिर उसे समाधी मे बदल दिया गया .चांद मियां को जानबूझकर हिन्दु न साबित किया जाए।पिछले पचास साल से पैसा स्पष्ट आया है .
( ९५ साल से मोमीन वंशी गा रहे हैं फिर भी मौला को ब्राहमाण बता रहे हैं )
३ :: मौला साई ने अपनी मृत्यु के कुछ दिन पहले औरंगाबाद के मुस्लिम
फ़क़ीर शमशूद्दीन मियाँ को दो सौ पचास रुपये भिजवाया ताकि उनका मुस्लिम रीति रिवाज़ से अंतिम संस्कार कर दिया जाए तथा सूचना भिजवाई की वो अल्लाह के पास जाने वाले हैं .( ये एक तरह से मृत्यु पूर्व बयान जैसा है
जिसे कोर्ट भी सच मानती है अगर बाबा हिंदू होते तो तेरहवी करवाते
गंगाजली करवाते .)
४ :: मौला साई जब तक जीवित रहे शिरडी मे सूफ़ी फ़क़ीर के नाम से ही जाने जाते थे .
५ :: मौला साई की मृत्यु के बाद उनकी मज़ार बनाई गई थी जो 1954 तक थी
.फिर उसे समाधी मे बदल दिया गया .चांद मियां को जानबूझकर हिन्दु न साबित किया जाए।पिछले पचास साल से पैसा माने के लिए जैसा अधर्म शिरडी ट्रस्ट ने किया वैसा इतिहास में कभी नहीं हुआ। श्री राम के नाम से सीता माता को हटा दिया .
शिर्डी साई संस्थान के झूठ ---
जिस मौला साई के जन्म तिथि का कोई अता पता नही उनकी कपट पूर्वक राम नवमीके दिन जयंती मनाई जा रही है .
मौला साई हमेशा अल्लाह मलिक पुकारते थे जबकि ""सबका मलिक एक"" नानक जी कहते थे .
जो मौला साईं जीवन भर मस्जिद में रहे उसे मंदिर में बैठा दिया गया .जो मौला साईं व्रत उपवास के विरोधी थे उनके नाम से साईं व्रत कथा छप रही हैं
जो मौला साईं हमेशा अल्लाह मालिक बोलते थे उनके साथ ओम और राम को जोड़ दिया
जो मौला साईं रोज कुरान पड़ते थे उनके मंत्र बनाये जा रहे हैं पुराण लिखी
जा रही है .
जो मौला साईं मांसाहारी थे उन्हें हिन्दू अवतार बनाया जा रहा है
जिस मौला साईं ने गंगा जल छूने से इंकार कर दिया उसके नाम से यज्ञ किये
जा रहे हैं गंगा जल से अभिषेक किया जा रहा है जो खुद निगुरा था उसे
सदगुरु बनाया जा रहा है।
जो मौला साई खुद अनपढ़ थे उनके नाम से गीता छापी जा रही है
मरणधर्मा व्यक्ति के मंदिर बनाना हिंदू धर्म मे पाप है .
इस देश मे हज़ारों संत हुए किंतु किसी की भी मंदिर नही हैं व्यास जैसे ऋषि जिन्होने गीता भाष्य लिखी, अगस्त्य ,विश्वामित्र, कपिल मुनि ,नारद,
दत्तात्रेय, भृिगु, पाराशर,सनक ,सनन्दन सनतकुमार ,शौनक ,वशिष्ट ,वामदेव
,बाल्मीक ,तुलसीदास , गोरखनाथ ,तुकाराम, नामदेव, मीरा, एकनाथ ,मुक्ताबाई,, नरहरी, नामदेव ,सोपान,संत रविदास , चैतन्य महाप्रभु ,आदि आदि कितने ही संत हुए किंतु किसी के भी जगह जगह मंदिर नहीं हैं .
हर हिन्दू से अनुरोध है कि हिन्दू धर्म की शुद्धि और पवित्रता
के लिए इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
जागो हिंदू जागो !! जागो हिंदू जागो !! जागो हिंदू जागो !! जागो
हिंदू जागो !! जागो हिंदू जागो !!
Source- आर्ष दृष्टि
सलंग्न चित्र में साईं बाबा को विष्णु रूप में दर्शाया गया है।
२ :: महाराष्ट्र मे शिर्डी साई मंदिर मे गाई जाने वाली आरती का अंश
मंदा त्वांची उदरिले! मोमीन वंशी जन्मुनी लोँका तारिले!” उपरोक्त
.फिर उसे समाधी मे बदल दिया गया .चांद मियां को जानबूझकर हिन्दु न साबित किया जाए।पिछले पचास साल से पैसा स्पष्ट आया है .
( ९५ साल से मोमीन वंशी गा रहे हैं फिर भी मौला को ब्राहमाण बता रहे हैं )
३ :: मौला साई ने अपनी मृत्यु के कुछ दिन पहले औरंगाबाद के मुस्लिम
फ़क़ीर शमशूद्दीन मियाँ को दो सौ पचास रुपये भिजवाया ताकि उनका मुस्लिम रीति रिवाज़ से अंतिम संस्कार कर दिया जाए तथा सूचना भिजवाई की वो अल्लाह के पास जाने वाले हैं .( ये एक तरह से मृत्यु पूर्व बयान जैसा है
जिसे कोर्ट भी सच मानती है अगर बाबा हिंदू होते तो तेरहवी करवाते
गंगाजली करवाते .)
४ :: मौला साई जब तक जीवित रहे शिरडी मे सूफ़ी फ़क़ीर के नाम से ही जाने जाते थे .
५ :: मौला साई की मृत्यु के बाद उनकी मज़ार बनाई गई थी जो 1954 तक थी
.फिर उसे समाधी मे बदल दिया गया .चांद मियां को जानबूझकर हिन्दु न साबित किया जाए।पिछले पचास साल से पैसा माने के लिए जैसा अधर्म शिरडी ट्रस्ट ने किया वैसा इतिहास में कभी नहीं हुआ। श्री राम के नाम से सीता माता को हटा दिया .
शिर्डी साई संस्थान के झूठ ---
जिस मौला साई के जन्म तिथि का कोई अता पता नही उनकी कपट पूर्वक राम नवमीके दिन जयंती मनाई जा रही है .
मौला साई हमेशा अल्लाह मलिक पुकारते थे जबकि ""सबका मलिक एक"" नानक जी कहते थे .
जो मौला साईं जीवन भर मस्जिद में रहे उसे मंदिर में बैठा दिया गया .जो मौला साईं व्रत उपवास के विरोधी थे उनके नाम से साईं व्रत कथा छप रही हैं
जो मौला साईं हमेशा अल्लाह मालिक बोलते थे उनके साथ ओम और राम को जोड़ दिया
जो मौला साईं रोज कुरान पड़ते थे उनके मंत्र बनाये जा रहे हैं पुराण लिखी
जा रही है .
जो मौला साईं मांसाहारी थे उन्हें हिन्दू अवतार बनाया जा रहा है
जिस मौला साईं ने गंगा जल छूने से इंकार कर दिया उसके नाम से यज्ञ किये
जा रहे हैं गंगा जल से अभिषेक किया जा रहा है जो खुद निगुरा था उसे
सदगुरु बनाया जा रहा है।
जो मौला साई खुद अनपढ़ थे उनके नाम से गीता छापी जा रही है
मरणधर्मा व्यक्ति के मंदिर बनाना हिंदू धर्म मे पाप है .
इस देश मे हज़ारों संत हुए किंतु किसी की भी मंदिर नही हैं व्यास जैसे ऋषि जिन्होने गीता भाष्य लिखी, अगस्त्य ,विश्वामित्र, कपिल मुनि ,नारद,
दत्तात्रेय, भृिगु, पाराशर,सनक ,सनन्दन सनतकुमार ,शौनक ,वशिष्ट ,वामदेव
,बाल्मीक ,तुलसीदास , गोरखनाथ ,तुकाराम, नामदेव, मीरा, एकनाथ ,मुक्ताबाई,, नरहरी, नामदेव ,सोपान,संत रविदास , चैतन्य महाप्रभु ,आदि आदि कितने ही संत हुए किंतु किसी के भी जगह जगह मंदिर नहीं हैं .
हर हिन्दू से अनुरोध है कि हिन्दू धर्म की शुद्धि और पवित्रता
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जागो हिंदू जागो !! जागो हिंदू जागो !! जागो हिंदू जागो !! जागो
हिंदू जागो !! जागो हिंदू जागो !!
Source- आर्ष दृष्टि
सलंग्न चित्र में साईं बाबा को विष्णु रूप में दर्शाया गया है।
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