Tuesday, July 4, 2017

अण्डे का सच और रहस्य.

अण्डे का सच और रहस्य, अंडा खाएं या खाना छोड दे, ये आपके ऊपर.!
अत्यंत खेद और आश्चर्य  कि अंडा शाकाहार का पर्याय बन चुका है, सच्चाई कुछ और ही है।
मादा स्तनपाईयों (बन्दर, बिल्ली, गाय, मनुष्य) में एक निश्चित समय के बाद अंडोत्सर्जन एक चक्र के रूप में होता है।
मनुष्यों में महीने में 1 बार, 4 दिन तक होता है को माहवारी या मासिक धर्म कहते है।
उन दिनों में स्त्रियों को पूजा-पाठ, चूल्हा, रसोई घर से दूर रखते है।
स्नान से पहले किसी को छूना भी वर्जित है कई परिवारों में।

वैज्ञानिक विश्लेषण
मासिक स्राव के दौरान स्त्रियों में मादा हार्मोन (estrogen) की अत्यधिक मात्रा उत्सर्जित होती है और सारे शारीर से यह निकलता रहता है।

एक प्रयोग करें
जिस गमले में फूल या पौधा हो, उस पर रजस्वला स्त्री से 2-4 दिन तक पानी से सिंचवाएं, पौधा सूख जाएगा.!

अब मुर्गी के अण्डे की ओर
1) पक्षियों (मुर्गियों) में भी अंडोत्सर्जन एक चक्र के रूप में होता है अंतर केवल इतना कि वह तरल रूप में ना हो कर ठोस (अण्डे) के रूप में बाहर आता है।

2) अंडा मुर्गी की माहवारी या मासिक धर्म है और मादा हार्मोन (estrogen) से भरपूर है जो बहुत ही हानिकारक है।

3) ज्यादा कमाने के लिए आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर मुर्गियों को भारत में बैन ड्रग ओक्सिटोसिन (oxytocin) का इंजेक्शन लगाने से मुर्गियाँ लगातार अनिषेचित (unfertilized) अण्डे देती है।

4) इन भ्रूणों (अन्डो) को खाने से पुरुषों में (estrogen) हार्मोन के बढ़ने से कई रोग उत्पन्न होते है जैसे
वीर्य में शुक्राणुओ की कमी (oligozoospermia, azoospermia),
नपुंसकता और स्तनों का उगना (gynacomastia), डिप्रेशन आदि..
वहीं स्त्रियों में अनियमित मासिक, बन्ध्यत्व, (PCO poly cystic ovary) गर्भाशय कैंसर आदि रोग हो रहे है।

5) अन्डो के अंदर का पीला भाग लगभग 70% कोलेस्ट्रोल ही ह्रदय रोग (heart attack) का मुख्य कारण है।

6) पक्षियों की माहवारी (अन्डो) को खाना अप्राकृतिक है इसे खाने से कई रोग शरीर में उत्पन्न हो जाते हैं।
इसकी जगह आप दूध लें जो पोषक है।
अग्नि में जब फल, अनाज, दूध, दहीं, घी, तेल डाला जाता है तो वो पौस्टिक बन जाता है।
और... उसी अग्नि पर जब मुर्दा, मांस का शरीर रखा जाता है, चाहे वो जैसा हो, वो चिता बनता है।

अब आप के भीतर चिता हो या यज्ञ यह निर्णय आप का.!
हमारा तो यही सुझाव है कि आप शाकाहारी बने, निरोगी रहें।

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