इस रक्षा बंधन की सात्विकता का कोई मतलब नही जबतक इस पवित्र पावन भारत भूमि पर बहनों एम् माताओं के उप्पर शारीरिक एवं मानसिक अत्याचार होते रहेंगे. और मेरा तो बस यही कहना हैं की "यत्र ना्यरस्तुपूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:"-------और बिना इस सोच के मुझे नही लगता की मैं किसी बहन का भाई बनने के लायक हूँ और हमारा कोई हक़ नही की हम किसी के भी बहन-बेटी पर कटाक्ष करें. हम अपने आप को भारतवासी बोलते हैं और हरकतें अँग्रेजो से भी बत्तर करते हैं, क्युकी अँग्रेज माताओं बहनों को मात्र एक इस्तेमाल की वस्तु समझते हैं और हम भी वैसा ही सीख रहे हैं. और सीना फुला कर कहते हैं भारत माता की जय, बिना इसका मतलब जाने. इसका मतलब मैं बताता हूँ -(भारत की हर एक माताओं-बहनों की जय). जिस दिन इस वाक्य का हम सबको सही से मतलब पता चल जायेगा उस दिन भारत सोने की चिडया बन जाएगी। धन्यवाद्।
आपका मित्र सुबीर कयाल..
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