सौन्दर्य प्रतियोगिताओं का असर ---
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मित्रो दस साल पहले भारत से कई विश्व सुंदरियां बनी इसके पीछे विदेशी कंपनियों
की सोची समझी साजिश थी .
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मित्रो दस साल पहले भारत से कई विश्व सुंदरियां बनी इसके पीछे विदेशी कंपनियों
की सोची समझी साजिश थी .
- कई प्रसाधन बनाने वाली कम्पनियां भारत में अपना मार्केट खोज रही थी . पर
यहाँ अधिकतर महिलाएं ज़्यादा प्रसाधन का इस्तेमाल नहीं करती थी . इसलिए
उन्होंने भारत से सुंदरियों को जीता कर लड़कियों के मन में ग्लेमर की चाह
उत्पन्न की.
-
मिसेज़ इंडिया जैसी प्रतियोगिताओं से बड़ी उम्र की महिलाओं को भी टारगेट किया
गया .
- इन सौन्दर्य प्रतियोगिताओं के बाद लडकियां सपने देखने लगी की वे भी मिस
इंडिया , फिर मिस वर्ल्ड, फिर हीरोइन, फिर बहुत धनी बन सकती है .
यहाँ अधिकतर महिलाएं ज़्यादा प्रसाधन का इस्तेमाल नहीं करती थी . इसलिए
उन्होंने भारत से सुंदरियों को जीता कर लड़कियों के मन में ग्लेमर की चाह
उत्पन्न की.
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मिसेज़ इंडिया जैसी प्रतियोगिताओं से बड़ी उम्र की महिलाओं को भी टारगेट किया
गया .
- इन सौन्दर्य प्रतियोगिताओं के बाद लडकियां सपने देखने लगी की वे भी मिस
इंडिया , फिर मिस वर्ल्ड, फिर हीरोइन, फिर बहुत धनी बन सकती है .
- इसके लिए वे अपने आपको स्लिम करने के चक्कर में फिटनेस सेंटर में जाने लगी
जहां क्रेश डाइटिंग , लाइपोसक्शन , गोलियां , प्लास्टिक सर्जरी जैसे महंगे और
अनैसर्गिक तरीकेबताये जाते .
जहां क्रेश डाइटिंग , लाइपोसक्शन , गोलियां , प्लास्टिक सर्जरी जैसे महंगे और
अनैसर्गिक तरीकेबताये जाते .
- सौन्दर्य प्रसाधन इस्तेमाल करना आम हो गया
.- ब्यूटी पार्लर जाना आम हो गया .
- इस तरह हर महिला सौन्दर्य प्रसाधनों , ब्यूटी पार्लर , फिटनेस सेंटर आदि पर
हर महीने हज़ारो रुपये खर्च करने लगी .
हर महीने हज़ारो रुपये खर्च करने लगी .
- पर सबसे ज़्यादा बुरा असर उन महिलाओं पर पड़ा जोइन मोड़ेल्स की तरह दिखने के
लिए अपनी भूख को मार कुपोषण का शिकार हो गई .
लिए अपनी भूख को मार कुपोषण का शिकार हो गई .
- इसलिए आज देश में दो तरह के कुपोषण है
- एक गरीबों का जो मुश्किल से एक वक्त की रोटी जुटा पाते है और दुसरा संपन्न
वर्ग का जो जंक फ़ूड खाकर और डाइटिंग कर कुपोषण का शिकार हो रहाहै .
वर्ग का जो जंक फ़ूड खाकर और डाइटिंग कर कुपोषण का शिकार हो रहाहै .
- यहाँ तक की नई नई माँ बनी हुई बहनों को भी वजन कम करने की चिंता सताने लगती
है . जब की यह वो समय है जब वजन की चिंता न कर पोषक खाना खाने पर , आराम पर
ध्यान देना कर माँ का हक है . ये समय ज़िन्दगी में एक या दो बार आता है और इस
समय स्वास्थ्य की देख भाल आगे की पूरी ज़िन्दगी को प्रभावित करती है . यह समय
मातृत्व का आनंद लेने का है ना की कोई नुमाइश की चीज़ बनाने का .
है . जब की यह वो समय है जब वजन की चिंता न कर पोषक खाना खाने पर , आराम पर
ध्यान देना कर माँ का हक है . ये समय ज़िन्दगी में एक या दो बार आता है और इस
समय स्वास्थ्य की देख भाल आगे की पूरी ज़िन्दगी को प्रभावित करती है . यह समय
मातृत्व का आनंद लेने का है ना की कोई नुमाइश की चीज़ बनाने का .
- ताज़ा उदाहरण है ऐश्वर्या राय . वह माँ बनाने की गरिमा और आनंद कोजी ही नहीं
पाई . मीडिया ने उनके बढ़ते वजन पर ऐसे ताने कसे की वो अपने बच्ची की देखभाल
और नए मातृत्व का आनंद लेना छोड़ वजन कम करने में जुट गई होंगी .
पाई . मीडिया ने उनके बढ़ते वजन पर ऐसे ताने कसे की वो अपने बच्ची की देखभाल
और नए मातृत्व का आनंद लेना छोड़ वजन कम करने में जुट गई होंगी .
- अब जब इन कंपनियों का मार्केट भारत में स्थापित हो चुका है तो कोई विश्व
सुंदरी भारत से नहीं बनेगी . अब इनकी दुसरे देशों पर नज़र है .! या कभी इनको
लगे की मंदी आने लगी है तो दुबारा किसी को भारत मे से चुन ले !! क्यूंकि चीन
के बाद भारत 121 करोड़ की आबादी वाला दुनिया का सबसे बढ़ा market है !!
सुंदरी भारत से नहीं बनेगी . अब इनकी दुसरे देशों पर नज़र है .! या कभी इनको
लगे की मंदी आने लगी है तो दुबारा किसी को भारत मे से चुन ले !! क्यूंकि चीन
के बाद भारत 121 करोड़ की आबादी वाला दुनिया का सबसे बढ़ा market है !!
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तो मित्रो ये सब कार्य बहुत ही गहरी साजिश बना कर अंजाम दिया जाता है ! जिसमे
हमारा मीडिया विदेशी कंपनियो के साथ मिलकर बहुत रोल अदा करता है !
हमारा मीडिया विदेशी कंपनियो के साथ मिलकर बहुत रोल अदा करता है !
मित्रो एक तरफ मीडिया देश मे बढ़ रहे बलात्कार पर छाती पीटता है ! और दूसरी तरफ
खुद भी अश्लीलता को बढ़ावा देता है ! वो चाहे india today की मैगजीन के कवर हो
! या ये विदेशी times of india अखबार ! ये times of india आप उठा लीजिये !
रोज times of india मे आपको पहले पेज पर या दूसरे पेज पर किसी ना किसी लड़की की
आधे नंगी या लगभग पूरी नंगी तस्वीर मिलेगी ! जब की उसका खबर से कोई लेना देना
नहीं ! जानबूझ कर आधी नंगी लड़कियों की तस्वीर छापना ही इनकी पत्रकारिता रह गया
है !!
खुद भी अश्लीलता को बढ़ावा देता है ! वो चाहे india today की मैगजीन के कवर हो
! या ये विदेशी times of india अखबार ! ये times of india आप उठा लीजिये !
रोज times of india मे आपको पहले पेज पर या दूसरे पेज पर किसी ना किसी लड़की की
आधे नंगी या लगभग पूरी नंगी तस्वीर मिलेगी ! जब की उसका खबर से कोई लेना देना
नहीं ! जानबूझ कर आधी नंगी लड़कियों की तस्वीर छापना ही इनकी पत्रकारिता रह गया
है !!
और ये ही times of india है जो भारत की संस्कृति का नाश करने पर तुला है !!
इसी ने आज से 10 -15 वर्ष पूर्व miss india, miss femina आदि शुरू किए ! जो अब
मिस वर्ड ,मिस यूनिवर्स पता नहीं ना जाने क्या क्या बन गया है !!
इसी ने आज से 10 -15 वर्ष पूर्व miss india, miss femina आदि शुरू किए ! जो अब
मिस वर्ड ,मिस यूनिवर्स पता नहीं ना जाने क्या क्या बन गया है !!
आज हमने इनके खिलाफ आवाज नहीं उठाई ,इनका बहिष्कार नहीं ! तो कल ये हमारी बची
कूची संस्कृति को भी निकग जाएगा !!
कूची संस्कृति को भी निकग जाएगा !!
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