यूरीन यूरिया से बना शब्द है, आप रोज कितनी यूरिया खाते हैं ?
गेहूँ , चावल, दाल, सब्जियां सब तो यूरिया डाल डाल कर उगायी जाती हैं , इन्हें धोने पकाने से तो यूरिया निकल नहीं जाता, लेकिन हमारे शरीर में ऐसा सिस्टम है जो खाद्य पदार्थों में पाए जाने वाले हानिकारक तत्वों को छान फटक कर अलग कर देता है, ये तत्व सामान्य दशा में मलाशय और मूत्राशय में एकत्र होकर बाहर निकल जाते है । अगर आप इन्हें शरीर में रोके रहें तो शायद मुझे बताने की जरूरत नहीं कि शरीर क्या महसूस करेगा ?
अगर आप स्वस्थ रहना चाहते है तो 24 घंटे में कम से कम एक बार मल त्याग और 9 बार मूत्र त्याग जरूरी है ताकि शरीर में भोज्य पदार्थों के माध्यम से जाने वाला जहर बाहर निकलता रहे जिससे किडनी, लीवर और फेफड़े सुरक्षित रहें ।
इस यूरिया ने जब हमारे देश के एक बहुत बड़े भू-भाग को बंजर कर दिया तो फिर हमारे हाड मांस के 5-6 फुट के शरीर की क्या औकात ? इसी जहर की वजह से हमारे हारमोन डिसबैलेंस होते जा रहे हैं, नपुंसकता बढ़ रही है । दिमाग पर सर्वाधिक असर हो रहा है जिसकी वजह से विनम्रता ख़त्म होती जा रही है । दिमाग में हमेशा गरमी चढी रहती है तो ब्लड प्रेशर सामान्य कैसे रहेगा ? बाल झड़ना, नजर कमजोर होना ये सब इसी का दुष्प्रभाव हैं ।
आप किसानों को या दूधियों को यूरिया का प्रयोग करने से तो मना कर नहीं सकते । डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों में जो रसायन इस्तेमाल किये जाते हैं, उनसे भी आप बच नहीं सकते, ये भी संभव नहीं कि सब कुछ खाना ही छोड़ दें हम । परंतु शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना हमारे हाथ में है और शरीर से ज्यादा से ज्यादा जहर बाहर निकालना हमारे हाथ में है।
तो आप लोगों को ये मेरा अनुरोध नहीं आदेश है कि कम से कम 9 बार मूत्र विसर्जन कीजिये । चाहे इसके लिए जितना पानी पीना पड़े । अगर आपने एक सप्ताह यह काम कर लिया तो आप खुद ही आठवें दिन अपने आपको इतना हल्का -फुल्का महसूस करेंगे जितना आपने कभी नहीं किया होगा । अनेक बीमारियाँ तो आपकी यूं ही नष्ट हो जायेंगी .
ये आयुर्वेद की सबसे सस्ती दवा मैंने आपको बतायी है । लेना न लेना आपके हाथ में ।
शरीर तो आप ही का है । और अगर आपको अपने शरीर में जहर इकट्ठा करने का शौक है तो मैं क्या करूं ?
शरीर तो आप ही का है । और अगर आपको अपने शरीर में जहर इकट्ठा करने का शौक है तो मैं क्या करूं ?
मर्जी आपकी…….!!!
जिन लोगो के पास घर में थोड़ी सी जगह हैं तो अपने लिए जहाँ तक संभव हो सके सब्जिया उगाये और गाय ज़रूर रखे। इस से बड़ा स्वास्थय बढ़ाने वाला कोई एक्शन हो नहीं सकता। सौजन्य से :- विजेंद्र गौतम।
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