Sunday, July 6, 2014

शिव लिंग क्या हे ????


बहुत से सेक्युलर ,मुर्ख और हमेशा ऊ फॉर ऊँगली करने वाले आज कुल डुड प्राय: शिव लिंग का मजाक उड़ाते हे और इसका गलत अर्थ भी सभी धर्म लेकर बेठे हे ।और हंसी उड़ाते हे।
शिव लिंग क्या हे आज में बताता हूँ आप सभी को
सभी लोग लिंग का अर्थ पुरुष के अंग से जोड़ते हे यह सरासर गलत हे,
हमारी देवभाषा 'संस्कृत' में लिंग का अर्थ होता हे अंडकार,आकारविहीन या शून्य यानि की जिसका ना तो कोई आदि हे और ना ही अंत वही 'शिव' हे 'अनंत शिव'
और पुरुष के उस अंग को संस्कृत में 'शिशिन'
और वैज्ञानिक पद्धति भी शिव लिंग को पुरुष अंग से जोड़ती हे।
आत्मा 84 लाख योनियो से गुजर कर शिव लिंग में समाहित होती हे तो मोक्ष प्राप्त करती हे,अब यहा योनि को स्त्री के किसी अंग से मत जोड़ लेना ,इसका अर्थ हे आत्मा विभिन्न योनियो (आत्मा के प्रकार) से गुजरती हे
लिंग ---लीन + गति
योनिया -आत्मा के विभन्न प्रकार ।
क्रप्या हमारे धर्म में रहकर भी उसकी हंसी ना उडाओ सत्य से परिचित हो शिव तो भोला हे सब माफ़ कर देगा लेकिन माँ दुर्गा अपने पतिपरमेश्वर की इस हंसी को माफ नही करेगी ।
हंसी उड़ा कर तो कई पाप चड़ा लिय जरा इस सत्य को किसी और से परिचित करवा कर वो सारे पाप धो लो ।
!!!!!""""शिव लिङ्गय नम:""!!!!
ॐ नम: शिवाय
जय श्री महाकाल ।

No comments:

Post a Comment