Thursday, October 13, 2022

भूमि आंवला एक आयुर्वेदिक दवाई.

लिवर-किडनी से लेकर सर्दी-खांसी तक को खत्म कर देता है यह एक छोटा सा पौधा,बारिश में इधर-उधर अपने आप उग जाता है,इसे कहा जाता है आयुर्वेदिक दवाई।
 भूमि आंवला एक आयुर्वेदिक दवाई है। इसके फल बिल्कुल आंवले जैसे दिखते हैं और यह बहुत छोटा पौधा होता है इसलिए इसे भुई आंवला या भूमि आंवला कहते हैं। यह बरसात में अपने आप उग जाता है और छायादार नमी वाले स्थानों पर पूरे साल मिलता है। इसे उखाड़ कर व छाया में सुखा यूज किया जाता है। ये जड़ी- बूटी की दुकान पर भी आसानी से मिल जाता है।
कैसे प्रयोग करें-
> इसके चूर्ण को आधा चम्मच पानी के साथ दिन में 2-3 बार
> पौधे का ताजा रस 10 से 20ML 2 से 3 बार
> ताजा पौधे को उखाड़ कर और साफ धोकर भी खाया जा सकता है।
फायदे- लीवर बढ़ गया है या उसमे सूजन है तो यह उसके लिए बहुत असरदार दवाई है।
- पीलिया में इसकी पत्तियों के पेस्ट को छाछ के साथ मिलाकर दिया जाता है इससे पीलिया बहुत जल्दी ठीक हो जाता है।
- किडनी के इन्फेक्शन और किडनी फेलियर में यह बहुत लाभदायक है। यह किडनी के सिस्टम को ठीक करती है। यह डाइयूरेटिक है जिससे यूरिन ज्यादा बनती है जिससे बॉडी की सफाई होती है।
- एन्टीवायरल गुण होने के कारण यह हेपेटाइटिस B और C के लिए रामबाण दवाई है।
- मुंह में छाले होने पर इसके पत्तों का रस चबाकर निगल लें या थूक दें। मुंह के छाले ठीक हो जाएंगे।
- ब्रेस्ट में सूजन या गांठ हो तो इसके पत्तों का पेस्ट लगा लेने से आराम होगा।
- सर्दी- खांसी में इसके साथ तुलसी के पत्ते मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से आराम मिलता है।
- डायबिटीज में घाव न भरते हों तो इसका पेस्ट पीसकर लगा दें और इसे काली मिर्च के साथ लिया जाए तो शुगर कंट्रोल हो जाती है।

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