Wednesday, November 18, 2020

नेक्रोफिलिया।

#पाकिस्तान में जब किसी सुंदर लड़की की मौत होती है तो उसके परिजन महीनों उसकी कब्र की पहरेदारी करते हैं
क्योंकि सुंदर लड़की की कब्र को भी खोदकर हवसखोर मुर्दा लड़की के शरीर के साथ भी बलात्कार करते है,

#नेक्रोफिलिया
नेक्रोफिलिया एक मानसिक बीमारी है जिसमें व्यक्ति #शव यानी लाश यानी #डेड बॉडी के साथ #बलात्कार करता है,,

अगर मनोवैज्ञानिकों की मानें तो सामान्य रूप से यह बीमारी हर 10 लाख व्यक्तियों में से एक को होती है,, लेकिन #इस्लाम में हर #दसवां व्यक्ति नेक्रोफिलिया का शिकार है,,

यानी जिंदा तो जिंदा अगर लड़की की लाश भी मिल गई या खुद भी उसकी हत्या करनी पड़ी है तो भी बलात्कार जरूर करेंगे

मिस्र की साम्राज्ञी #क्लियोपेट्रा ने जो मौत चुनी उससे दुनिया स्तब्ध थी आखिर क्यों एक औरत नग्न अवस्था में अपने #स्तन पर #सांप से डसवाएगी,,लेकिन वो जानती थी कि जिसने मिस्र पर हमला किया है वे इस्लामिक फ़ौज के लोग हैं,,

स्तन पर डँस मरवाने से पूरे शरीर में जहर फैल जाएगा,,तो कोई इंफेक्शन के डर से उसकी मृत देह के साथ #बर्बरता नहीं कर पाएगा,, साथ ही स्तन को मुँह में लेकर कुचल नहीं पाएगा,, वहशियों का क्या वे किसी भी हद तक जा सकते हैं,,

फिर भी आपको बता दूं कि इतिहासकार कहते हैं कि उसके शव के साथ #तीन हज़ार बार बलात्कार किया गया था,,,

#महारानी #पद्मावती ने भी लड़कर मरने के बजाय जौहर चुना,, अभी जब पिछले दिनों फ़िल्म आई तो कितने लोगों ने कहा कि वो तो योद्धा थी,,
लड़कर क्यों नहीं मरी??
जौहर क्यों चुना??
तो इसका स्प्ष्ट कारण था #ख़िलजी और वैसे ही #इस्लामिक दरिंदो की फ़ौज,,
महारानी जानती थी की अगर लड़ते हुए उसने और उसकी साथी औरतों ने जान दी तो उसके शरीर के साथ क्या होगा,,

बल्कि दुनिया इस असलियत को जानती है सिर्फ हमारे बच्चों से इसे छुपाया गया है,,नेक्रोफिलिया,,

बस बहन बेटियों को इतना ही सन्देश देना चाहता हूं कि देखो मेरी बहनों,, जो

पूरे विश्व में अपनी #दरिंदगी और हवस के लिए प्रसिद्ध हैं,, जो शव को भी बिना बलात्कार नहीं छोड़ते,,

अगर तुम लोग इस चक्कर में आ गई कि सब एक जैसे नहीं होते तो याद कर लेना #क्लियोपेट्रा और महारानी पदमावती जैसी  हजारों वीरांगनाओं जो जोहर की आग में  समा गई

बस इतना सन्देश आज   मैं मां बहन बेटियों को देना  चाहता हूँ,,, आप भी अपने बच्चों को आगाह करके बचा सकते हैं,,

बच्चे समझने को #तैयार हैं,, बस हम तैयार नहीं हैं सही शब्दों में समझाने के लिए,,

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