Tuesday, August 18, 2020

धर्म (Magic or Logic)?

सभी मत पंथ संप्रदाय के उपदेशक कहते हैं कि हमारे सत्संग मे बुद्धि मत लगाओ। सच यह है कि धर्म मैजिक ( जादू) नहीं लॉजिक ( तर्क) पर आधारित है। चित्र मे कुछ लोग मूर्तियों को बिस्तर पर सुला रहे हैं। यह धर्म नही है। सर्वव्यापक ईश्वर और मूर्तियों  मे सोना और जागना नही होता। 

इस विवरण में दी गई घटनाए वास्तविक हैं. नाम और समय इसलिए नहीं लिखा है क्योंकि नाम कोई भी हो स्थान कोई भी हो सकता है.
1- उत्तरप्रदेश मेरठ के निकट -
गुरु जी ने बहुत बड़ा हाल कमरा बनवाया. कमरे में कंक्रीट का लेंटर ( RCC Slab) लगाया. कंक्रीट डालने के 5 दिन बाद गुरु जी ने निर्माण करने वाले राज मिस्त्री को कहा कि शटरिंग हटा दें. उसने कहा कि कम से कम 15 दिन का समय लगता है. अभी शटरिंग हटाई तो चोट लग जाएगी और छत गिर जाएगी. गुरु ने कहा कि गुरु के वचन में बहुत शक्ति है. तुम्हे विश्वास नहीं है. तुम पीछे हट जाओ. अपने अनुयायियों को शटरिंग हटाने का आदेश दिया. शटरिंग हटाते समय छत्त टूट कर गिर गई. कई श्रद्धालु मर गए और बहुत से बुरी तरह घायल हो गए . मरे हुए श्रद्धालू स्वर्ग में गए यह गुरु जी ने बताया.

2-- उत्तर प्रदेश मथुरा के निकट -
करोड़ पति गुरु जी का जन्मदिन. गरीबों को मुफ्त सामान बांटने का लालच दिया. आश्रम के दरवाजे पर गरीबों की जबरदस्त भीड़. कई घण्टे तक इन्तजार के बाद गुरु जी आए. धोती, कटोरी, गिलास आदि इस तरह बंटवाया कि भगदड़ मच गई. कई गरीब मारे गए. गुरु जी ने यह कहकर पल्ला झाड लिया कि मेरे आश्रम के बाहर मरे हैं. मेरी कोई जिम्मेवारी नहीं. पुलिस चुप. इन गुरु जी ने भी मुगल बादशाहों की तरह केवल अपने पुत्रों का विवाह किया था पुत्रियों का नहीं. अब इन गुरु जी का देहवसान हो चुका है। 

3-- राजस्थान - मेहन्दीपुर-
एक नवविवाहित युवती मानसिक रोगी. घर वाले एक तान्त्रिक के कहने पर उस नव विवाहिता को बालाजी धाम लाए. साथ में वह तांत्रिक भी आया. 3 दिन के बाद तान्त्रिक ने कहा कि भूत इसलिए बाहर नहीं आ रहा है क्योंकि इसका पति साथ है. युवती की सास के कहने पर पति वापिस घर आ गया. सास, बहु और तांत्रिक वहीँ रह गए. अगले दिन तांत्रिक ने बहु को धर्मशाला में अपने कमरे में इलाज के बहाने बुला लिया और सास को दर्शन करने वालों की लाइन भेज दिया.

4--
रोमन कैथोलिक में किसी को सन्त घोषित करना हो तो उसकी पहली शर्तें होती है, उपरोक्त व्यक्ति के नाम के साथ कोई चमत्कार घटित होता दिखाया जाये। अगर चमत्कार का 'प्रमाण' पेश किया गया तो उपरोक्त व्यक्ति का 'बीटिफिकेशन' होता है अर्थात उसे ईसा के प्रिय पात्रों में शुमार किया जाता है, जिसका ऐलान वैटिकन में आयोजित एक बड़े धार्मिक जलसे में लाखों लोगों के किया जाता है तथा दूसरे चरण में उसे सन्त घोषित किया जाता है जिसे 'कननायजेशन' कहते हैं।
अभी कुछ साल पहले मदर टेरेसा के बीटिफिकेशन हुआ था , जिसके लिए राईगंज के पास की रहनेवाली किन्हीं मोनिका बेसरा से जुड़े 'चमत्कार' का विवरण पेश किया गया था। गौरतलब है कि 'चमत्कार' की घटना की प्रामाणिकता को लेकर सिस्टर्स आफ चैरिटी के लोगाें ने लम्बा चौड़ा 450 पेज का विवरण वैटिकन को भेजा था। यह प्रचारित किया गया था कि मोनिका के टयूमर पर जैसे ही मदर टेरेसा के लॉकेट का स्पर्श हुआ, वह फोड़ा छूमन्तर हुआ। दूसरी तरफ खुद मोनिका बेसरा के पति सैकिया मूर्म ने खुद 'चमत्कार' की घटना पर यकीन नहीं किया था और मीडियाकर्मियों को बताया था कि किस तरह मोनिका का लम्बा इलाज चला था। दूसरे राईगंज के सिविल अस्पताल के डाक्टरों ने भी बताया था कि किस तरह मोनिका बेसरा का लम्बा इलाज उन्होंने उसके टयूमर ठीक होने के लिए किया।
इसी कड़ी में कुछ हिन्दुओं की मूर्खता देखिये उन्होंने इंग्लैंड के वेम्ब्ली में 16 मिलियन पौंड खर्च करके आलीशान मंदिर का निर्माण किया उसमें हिन्दू देवी देवताओं के अतिरिक्त वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप या बन्दा बैरागी नहीं अपितु मदर टेरेसा की मूर्ति लगा डाली।

कुछ अन्य विवरण पढ़ें

एक विचित्र परम्परा महाराष्ट्र के सोलापुर के बाबा उमर की दरगाह और कर्नाटक के श्री संतेस्वर मंदिर में होती है. छोटे बच्चों को ऊपर से फेंका जाता है. सैकड़ों लोग मंदिर के नीचे बच्चों को पकड़ने के लिए खड़े रहते हैं।इस परंपरा का पाालन हिन्दू समुदाय के लोग अपने बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए करते हैं. उन मूर्खों से कोई पूछे कि बच्चों का भविष्य शिक्षा से सुधरेगा या हवा में उछालने से?
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आन्ध्रप्रदेश के देवरागाटू मंदिर में होती है. जहां पर लोग एक दूसरे को डंडे से मारते हैं और तब तक मारते रहते हैं जब तक कि वो इंसान मरने की स्थिति में ना आ जाए. वहां पर सबसे ज्यादा आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के लोग आते हैं. इस अजीबोगरीब त्यौहार से कोई मरे न, इसलिए वहां पर हमेशा डॉक्टर की कई टीमें रहती हैं.
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हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु तमिलनाडु के एक छोटे से गांव में आते हैं. यहां पर मंदिर के पुजारी उनके सिर पर नारियल फोड़ते हैं.
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बिहार में रेलवे लाइन के निकट बने एक शिव मन्दिर में शिवरात्री में जल चढाने वालों की इतनी भीड़ होती है कि लोग रेलवे लाइन पर भी खड़े होते हैं. एक बार जल चढाने के लिए इन्तजार करते हुए लोगों की मृत्यु ट्रेन द्वारा कट जाने पर हुई. क्या उन्हें यह नहीं पता था कि रेल लाइन पर खड़ा होना गलत है.
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हर साल बड़ी संख्या में अमरनाथ जाने वाले लोग नारा लगाते हैं- जय बाबा बर्फानी, भूखे को अन्न दे प्यासे को पानी. एक बार भारी बर्फ़बारी और लैंड स्लाइड से रास्ता कट गया. लोग भूखे प्यासे रह जाते यदि सेना वायुयान से सहायता नहीं पहुंचाती. केदारनाथ की भयंकर त्रासदी कौन भूल सकता है. अगले साल से फिर वही लम्बी लम्बी लाइन.
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गुजरात के गांधी नगर जिले के छोटे से रुपाल गांव में कई दशकों से मनाए जा रहे उत्सव पर वरदायिनी माता की पल्ली पर लाखों किलो घी चढ़ाया जाता है. पूरे गांव की गलियां मानो शुद्ध घी की नदी में तबदील हो जाती हैं. लाखों लीटर घी नालियों में बहता है. क्या इतनी भी बुद्धि नहीं है कि घी खाने के लिए होता है सडक पर बहाने के लिए नहीं.

राजस्थान में एक मन्दिर है जिसमे इलोजी की मूर्ति लगाईं हुई है.यह मूर्ति नग्न और अत्यन्त अश्लील है. बुंदेलखंड क्षेत्र के झांसी जनपद में स्थित रेवन और ककवारा गांवों के बीच लिंक रोड पर कुतिया महारानी मां का एक मंदिर है, जिसमें काली कुतिया की मूर्ति स्थापित है. आस्था के केंद्र इस मंदिर में लोग प्रतिदिन पूजा करते हैं. जयपुर, राजस्थान के पाली इलाके में एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान नहीं बल्कि बुलेट की पूजा होती है. यहाँ शराब चढ़ाई जाती है. लोगों की मान्यता है की ऐसा करने से एक्सीडेंट नहीं होता है और यहां के बाबा उनकी रक्षा करते हैं. आखिर इस मुर्खता से हमें क्या लाभ होता है यह मुझे आजतक समझ नहीं आया. 

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