अंडा खाने वाले कि धारणा है कि अंडा शाकाहार हैं।क्या ये सच है????
उत्तर)वेदों में चार प्रकार की जीव योनियों का वर्णन है।अर्थात जीव चार प्रकार की योनियो में विचरते है।ये चार प्रकार की योनियां निम्नलिखित है
1.)अंडज योनी:अर्थात अंडे से उत्पन्न जीव जैसे पक्षी,सर्प ,इत्यादि।
2)जरायुज योनि:अर्थात झिल्ली से उत्पन्न जीव जैसे मनुष्य, पशु, बंदर ,लंगूर इत्यादि।
3)उद्भिज योनि:अर्थात भूमि को चीर कर या फाड कर उत्त्पन्न होने वाली योनि जैसे पेड़, पौधे,वनस्पति इत्यादी।वृक्ष योनि को सुख दुख का एहसास नही होता ।ये वर्षो तक जीवित रहते है ।वृक्ष की चेतना सदा सुप्तावस्था (unconsciousness state of mind) में रहती है जैसे मनुष्य को कोई इंजेक्शन लगा देने से उसे ये एहसास नही रहता कि उसके किसी अंग को काटा जा रहा है।वैसे ही जब हम पौधों ,वनस्पतियों, या सब्जियों को काट कर खाते है तो उन को ये एहसास नही होता कि उनको काटा जा रहा या मारा जा रहा।वे पौधे चीखते चिल्लाते नही है जैसा कि पशु करते है ।पौधे को काटने से रक्त भी नही निकलता।तो इसीलिए plant ko ,खाना हिंसा नही है ।पेड़ो में जीवन जरूर है पर वो iswar ने मनुष्य के खाने के लिए बनाए है।जानवरो की आयु वृक्षों की तुलना में बहुत कम होती है।जानवरों मे सोचने समझने की छमता होती है।वे जानवर सुख दुख का अनुभव कर सकते हैं।जानवरो मे सिर्फ वाक शक्ति का अभाव रहता है।वे अपनी भाषा में अपना दुख बया करते है ।
4)स्वेदज योनि:अर्थात वे जीव जो पसीने से उतपन्न होते है।जैसे जू, सूक्ष्म जीव जैसे microbes, protozoa, fungi etc ।
अंडे से उत्पन्न जीव अंडज कहलाते है।अर्थात अंडे से जीव जन्म लेता हैं ।अंडे में जीव होता हैं।जिन अंडो से चूजा (chicks)नही निकलता उन अंडो को भी नही खाना चाहिए क्योंकि वह निर्जीव अंडा एक मुर्गी का मृतक भ्रूण (बच्चा )है।वह मृतक अंडा एक प्रकार का dead cells अपने अंदर संजोये हुए हैं ।अंडे डेड cells से भरे होते है।अतः अंडे मे डेड protein होते हैं जिनमे जीवन दायिनी शक्ति होती ही नही है।एक अंकुरित चने को आप ले लीजिये और उसे जल या मिट्टी में डुबो दीजिए ।कुछ समय के बाद उस चने मे से कुछ और चने उग आते हैं ।परंतु एक मुर्गी के कटे टांग को ले लीजिए और उसे पानी में डूबा कर देखिए ।उनमे से एक नया मुर्गा जन्म नही ले सकता ।कहने का तातपर्य यह है कि हम भोजन सिर्फ अपने शरीर का वजन बढ़ाने के लिए नही खाते ।हमे शाकाहारी भोजन ही करना चाहिए क्योंकि ऐसे पेड़ पौधे और वनस्पतियों मे प्राण तत्व और जीवन दायिनि शक्ति मौजूद रहती है।हम भोजन अपने आत्मा की सुद्धता के लिए करते है ।जब हम किसी जानवरों को मार कर हिंसा करते है तो उस मांस को खाने से हमारे अंदर भी हिंसात्मक प्रवृत्ति जन्म ले लेती है।और हम मनुष्यों के अंदर से दया ,प्रेम करूणा आदि मानवियो गुणों का नाश हो जाता है ।कहावत भी है जैसा खाओगे अन्न, वैसा बनेगा मन।
मुर्गी का अंडा दो भागों मे विभक्त है।दूसरे को पिला भाग कहते हैं जिसे अंग्रेजी में egg yolk भी कहते हैं।पहले को सफेद भाग कहते है जिसको अंग्रेजी मे albumin भी कहा जाता है।अंडा नर मुर्गे एवं मादा(female)मुर्गी के सफेद व पिले रज वीर्य (sperm and ovum)का मिश्रण है ।अंडे के सफेद भाग से मुर्गी के पंख निकलते है और अंडे के पिले भाग से नाक,कान,गला, कंठ,चोंच, पंजे इत्यादि का निर्माण होता है ।इक्कीस दिन के बाद अंडे से चूजा (chicks)या जीव जनम लेता है या बाहर निकलता है जो कि नर औऱ मादा के रज वीर्य से उत्पन्न होता है।ये विचारणीय है कि अंडे में जीव विद्यमान रहता हैं।अंडे से जब जीव उत्पन्न होता है तो अंडा किस रूप मे शाकाहार हैं???अंडा सब्जी या फल की तरह खेत में या पेड़ पर पौधों पर या झाड़ी मे पैदा नही होता।निर्जीव अंडे (unfertilized egg)का भी उसकी माँ से संवाद जुड़ा रहता है ,यह बात वैज्ञानिक परीक्षण से सिध्द हो चुका है ।छोटे microscope से देखने पर ये पाया गया कि जिन अंडो से चूजा नही निकलता ,उनमे पाए जाने वाले जीवों को भी तैरता देखा गया है।अंडा एक नर औऱ मादा के रज वीर्य से उत्पन्न होता है इसलिए अंडा पूर्णतया मांसाहारी ही है।और अंडे खाने वाले लोग मांसाहारी है।कुछ लोगो का मानना है कि अंडा कृत्रिम रूप से भी विकसित किया जाता हैं परंतु कृत्रिम रूप से भी अंडे नर और मादा के रज वीर्य से ही उत्पन्न होते है।और इन अंडो को पैदा करने के लिए भी इन्हें मांसाहारी भोजन ही कराया जाता हैं तो ये कृत्रिम (artificial)अंडे शाकाहार कैसे हो सकते हैं????
ऐसी कोई तकनीक आज तक नही बनी जो बिना रज वीर्य के मेल से अंडा पैदा कर के दिखा दे क्योकि भगवान के बनाये सृष्टि नियम को कोई पलट नही सकता है।अंडा मे सफेद और
पिला भाग मांस का ही पिण्ड होता हैं।अंडा शाकाहारी है ऐसा कहना दुसरो के साथ कपट है एवं गलत दिशा देना है।अंडा पेड़ पर नही उगता ।जीव से उत्पन्न होता है।इसलिए अंडे से उत्पन्न जीव को अंडज कहते हैं।इन बातों से आपको स्पष्ट हो गई होंगी की अंडा मांसाहार है।अंडा खाने से शरीर पर क्या दुष्प्रभाव पड़ता हैं ।आइये जानते हैं---
अंडो मे प्रचुर मात्रा में cholesterol ,D.D.T.(dichloro diphenyl trichloroethane),phosphoric acid,aur nitrogen hoti hai।इन तत्वों की अधिकता से मनुष्य के शरीर में अम्ल(acid)की वृद्धि होती हैं जो कि अनेक रोगों का काऱण बनती हैं।शोध(रिसर्च)के पश्चात पाया गया कि अंडे की तीस प्रतिशत मात्रा D. D. T. Poison युक्त होती हैं।D. D. T. Poison एक प्रकार का कीटनाशक है जो कि पहला आधुनिक कीटनाशक था।1950 के बाद इसे खेतो मे प्रयोग किया जाने लगा।इस खतरनाक D. D. T. poison को मछरों, कीट, पतंगो, चींटियों आदि को मारने के लिए खेतों में प्रचुर मात्रा मे प्रयोग किया जाने लगा।मुर्गी या पक्षी इन्ही मृतक कीट, पतंगो, चीटियों,मछरों को खाते है जिससे D. D. T. poison मुर्गी के शरीर में भी पहुच जाता है और मुर्गी से उत्पन्न अंडो में भी यही खतरनाक रसायन पहुच ता है।मनुष्य इन अंडो का सेवन करता है और इस तरह D. D.T. poison हम मनुष्यों के शरीर मे भी पहुंच जाता हैं।अंडो की जर्दी मे कोलेस्ट्रॉल अत्यधिक मात्रा मे होता हैं जिससे हृदय रोग,heart attack, उच्च रक्तचाप(high blood प्रेशर) होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।रक्त में cholesterol की मात्रा बढ़ने से blood प्रेशर तो बढ़ता ही है ।पथरी होने की संभावना भी बढ़ जाती हैं।अंडे के सेवन से शरीर में D. D.T., कोलेस्ट्रॉल, लिपोप्रोटीन, म्योग्लोबीन्स,saturated फैटी एसिड्स जैसे विषाक्त तत्वों की अधिकता मनुस्य के शरीर मे हो जाती हैं।जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।an extract from the book"how healthy are eggs " !!!!!
Save animals,save planet earth the mother on which we live!!!
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