Tuesday, December 15, 2015

कर्मों की सजा के अनुसार..

कर्मों की सजा.....


जिंदगी में सभी के अपने कायदे या सिद्धांत होते हैं। हर व्यक्ति का जीवन जीने का अपना तरीका है। जो बात किसी के लिये उसका कर्तव्य और धर्म है वह किसी के लिये घोर पाप या नीच कृत्य हो सकता है। लेकिन शास्त्रों के अनुसार जिन कर्मों को पाप माना गया है उसकी सजा उसे अपनी मृत्यु के बाद मिलती है। किस पाप की क्या सजा मिलती है। इसका वर्णन गरूड़ पुराण में कुछ इस प्रकार दिया हुआ है। गरुड़ जी बोले- भगवान जीवों को उनके कौन से पाप कौन सी सजा मिलती है। वे किन अगला जन्म किस रूप में लेते हैं व भी बताइए।


भगवान कहते हैं गरूड़ ध्यान से सुनो-

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ब्रह्महत्या करने वाला क्षयरोगी।

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गाय की हत्या करने वाले कुबड़ा।

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कन्या की हत्या करने वाला कोढ़ी।

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स्त्री पर हाथ उठाने वाला रोगी।

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परस्त्री गमन करने वाला नपुंसक।

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गुरुपत्नी सेवन से खराब शरीर वाला।

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मांस खाने व मदिरा पीने वाले के दांत काले व अंग लाल होते हैं।

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दूसरे को न देकर अकेले मिठाई खाने वाले को गले का रोगी।

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घमंड से गुरु का अपमान करने वाले को मिरगी।

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झूठी गवाही देने वाला गूंगा।

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किताब चोरी करने वाला जन्मांध।

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झूठ बोलने वाला बहरा।

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जहर देने वाला पागल होता है।

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अन्न चोरी करने वाला चूहा।

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इत्र की चोरी करने वाले छछुंदर।

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जहर पीकर मरन वाले काले सांप।

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किसी की आज्ञा नहीं मानते वे निर्जन वन में हाथी होते हैं।

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ब्राह्मण गायत्री जप नहीं करते वे अगले जन्म में बगुला होते हैं।

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पति को बुरा-भला कहने वाली जूं बनती है।

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परपुरूष की कामना रखने वाली स्त्री चमगादड़ बनती है।

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मृतक के ग्यारहवे में भोजन करने वाला कुत्ता बनता है।

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मित्र की पत्नी से मोह रखने वाले गधा बनता है।


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