BHOPAL Gas Tragedy and Rajiv Gandhi every child shoul know
2 और 3 दिसंबर के बीच की वह काली रात मुझे आज भी याद है। साल था 1984.
भोपाल में स्थित यूनियन कार्बाइड की केमिकल फैक्टरी से मिथाइल आइसोसायनेट नामक ज़हरीली गैस लीक हुई और इसने भोपाल की हवा में ज़हर घोल दिया। और उसके बाद जो हुआ वो दिल दहला देने वाला था। 25,000 लोग मारे गए और 90,000 से भी ज़्यादा इससे बुरी तरह प्रभावित हुए। नस्लें तबाह हो गईं। आज भी उन इलाकों में जन्म लेने वाले बच्चों में बड़ी संख्या में शारीरिक और मानसिक विकृति पाई जाती है।
इस चित्र में एक महिला सड़क पर अपने बच्चे के साथ मृत पड़ी हुई है। कितना मार्मिक दृश्य है यह!
हज़ारों लोगों की जानें गईं, यह अत्यंत दुःखद है। पर इससे भी दुःखद बात यह है कि उस समय के प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री से मिल कर इस man-made disaster के मुख्य अभियुक्त वारेन एंडरसन को भारत से भगवा दिया। जानते हैं क्यों?
अपने पारिवारिक मित्र मोहम्मद यूनुस के बेटे और अपने घनिष्ठ मित्र आदिल शहरयार की अमेरिकी जेल से रिहाई सुनिश्चित करने के लिए। आदिल को फ्रॉड के विभिन्न मामलों में एक अमेरिकी कोर्ट ने 1981 में पैंतीस साल की जेल की सज़ा सुनाई थी और वह फ्लोरिडा जेल में अपनी सज़ा काट रहा था।
भोपाल गैस दुर्घटना में राजीव गाँधी ने अपने मित्र को रिहा करने का एक अवसर देखा। और आदिल शहरयार की रिहाई के बदले भोपाल के हजारों लोगों की मौत के ज़िम्मेदार और भारत के गुनहगार अमेरिकी वारेन एंडरसन को रातों-रात भारत से भगवा दिया।
7 दिसंबर 1984 को मध्यप्रदेश सरकार की निगरानी में भोपाल से एक विशेष विमान में वारेन एंडरसन को उड़ा कर दिल्ली लाया गया जहाँ से राजीव गाँधी ने उसे अमेरिका भेजने का मार्ग प्रशस्त कर दिया। जिस विमान से एंडरसन को भोपाल से दिल्ली लाया गया उसके चालक सैयद हाफ़िज़ अली ने स्वयं यह बात स्वीकार की है।
ये होता है देशद्रोह। ये होती है गद्दारी।
प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने अपने दोस्त को बचाने के लिए पूरे देश के साथ गद्दारी की। यह बात राहुल गाँधी को पता है। और इसीलिए वह कभी भी भोपाल गैस कांड के ऊपर एक शब्द नहीं बोलता। आज भी नहीं बोला क्योंकि उसे पता है कि उसके पिता ने इस दुर्घटना के जिम्मेदार वारेन एंडरसन को देश से भगवाया।
No comments:
Post a Comment