Wednesday, July 1, 2015

कैंसर को बढ़ावा देने वाला तत्व.....

नॉन स्टिक बर्तन
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अगर आप नॉन स्टिक बर्तनों में खाना पकाती हैं तो सावधान हो जाइए। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि नॉन स्टिक बर्तनों में खाना पकाने से कैंसर को बढ़ावा देने वाला तत्व कारसीनोजेन हमारे शरीर में पहुंचता है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन में पाया गया है कि इन बर्तनों में इस्तेमाल होने वाला परफ्लूरिनेटेड कम्पाउंड (पीएफसी) इस तत्व को मांओं के दूध में पहुंचा रहा है। पहले इसे केवल मानव रक्त में ही देखा गया था। कारसीनोजेन कैंसर की संभावना को बढ़ा देता है।

ALTERNATIVE 
इसके स्थान पर मिटटी के बर्तनों का उपयोग करें तो खाने के सभी जरुरी तत्व सुरक्षित रहतें है

पैराबेन्स युक्त कॉस्मेटिक्स
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मेकअप उत्पादों, मॉश्चयराइजर्स या हेयर केयर उत्पाद खरीदते वक्त उस पर यह जरूर पढ़ लें क‌ि उनमें पैराबेन्स है या नहीं। कई शोधों में इनके इस्तेमाल से ब्रेस्ट कैंसर जैसे रोगों की आशंका जताई गई है। बाजार में ऐसे कई कॉस्मेटिक्स मौजूद हैं जो पैराबेन्स फ्री हैं, आप उन्हें ही चुनें।

प्लास्टिक की बोतल
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हवाई के कैंसर हॉस्पिटल के शोध के अनुसार, प्लास्टिक के बोतल का पानी कैंसर की वजह हो सकता है। प्लास्टिक की बोतल जब धूप या ज्यादा तापमान की वजह से गर्म होती है तो प्लास्टिक में मौजूद नुकसानदेह केमिकल डाइऑक्सिन का रिसाव शुरू हो जाता है। ये डाईऑक्सिन पानी में घुलकर हमारे शरीर में पहुंचता है। डाइऑक्सिन हमारे शरीर में मौजूद कोशिकाओं पर बुरा असर डालता है। इसकी वजह से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

ALTERNATIVE 
मिटटी की बोतल

टेलकम पाउडर
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कैंसर प्रिवेंशन कोएलिशन का मानना है कि इस तरह के सौंदर्य प्रसाधनों के इस्तेमाल से गर्भाशय के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है| हर 5 में से 1 महिला इनका इस्तेमाल करती है| पाउडर महिला के प्रजनन तंत्र द्वारा गर्भाशय तक पहुँचता है| अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार जो महिलाएं बच्चेदानी निकला देती हैं उनमें पाउडर के इस्तेमाल से कैंसर का खतरा कम होता है| जननांगों में पाउडर इस्तेमाल करने वाली महिलाओं में गर्भाशय कैंसर सामान्य महिलाओं की अपेक्षा ज्यादा होता है|

कैंडल
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साउथ कैरोलाइना स्टेट युनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने मोमबत्तियों से निकलने वाले धुएं का परीक्षण किया है। उन्होंने पाया कि पैराफ़ीन की मोमबत्तियों से निकलने वाले हानिकारक धुएं का संबंध फेंफड़े के कैंसर से है। हालांकि शोधकर्ताओं ने ये भी माना कि मोमबत्ती से निकलने वाले धुएं का स्वास्थ्य पर हानिकारक असर पड़ने में कई वर्ष लग सकते हैं। मुख्य शोधकर्ता आमिर हमीदी का कहना है कि जो लोग पैराफ़ीन मोमबत्तियों का ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं वो खतरे के दायरे में हैं।

Alternative :-
मिटटी का दिया सरसों के तेल वाला

टिन के डिब्बे में बंद खाना
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टिन के डिब्बे में बंद खाने पीने की चीज़ें यानी कैन फूड आजकल काफी प्रचलन में है। बहुत से घर में इन्हें लाया और खाया जाता है। लेकिन क्या आपको मालूम है कैन फूड कैंसर का कारण भी बन सकता है? दरअसल, कैन की अंदरूनी परत में बीपीए नाम का एक केमिकल पाया जाता है। कई अध्ययनों में ये सामने आया है कि ये केमिकल शरीर के लिए काफी नुकसानदायक है।

ALTENATIVE: - fresh food 

क्लीनिंग प्रॉडक्ट
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घर में कुछ ऐसी चीज़ें होती हैं जिनका इस्तेमाल हम रोज़ाना करते हैं और अनजाने में उनसे होने वाले खतरों की चपेट में आ जाते हैं। ऐसी ही एक चीज़ क्लीनिंड प्रॉडक्ट भी हैं। लंबे वक्त तक जो लोग इनका इस्तेमाल करते हैं उनमें कैंसर पाए जाने के काफी मामले सामने आए हैं।
Alternatives 


Ayurvedic Products , eg ayurvedic dant manjan , auyurvedic soaps 

Sources......

http://www.onlymyhealth.com/health-slideshow/8-cancer-causing-home-products-in-hindi-1429272627.html?utm_source=OMHFB_280515_1429272627_SS_NEW&utm_medium=Social
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मित्रो आपके रसोई घर से जो पशुओं के खाने योग्य अपशिष्ट (wastage) निकलती है जैसी बची हुई सब्जी , चायपती, रोटी इत्यादि इनको प्लास्टिक के लिफाफे मे डालने की जगह एक अलग डस्टबीन में डालें और इस डस्टबीन को ऐसी जगह डालें जहां पर आवारा पशु आते जाते हो . जिसको ख़ाकर ये भूखे पशु अपनी भूख शांत कर सकते हैं इसके निम्नलिखित लाभ है.


1. पशुओं के पेट मे हानिकारक प्लास्टिक नही जायेगा

2. आपके घर के कुडेदान से दूर्गध नही आयेगी
3. देश को साफसुथरा रखने मे मदद मिलेगी

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लंदन का प्रसिद्ध सेंट जेम्स स्कूल .इस विद्यालय का लगभग हर विद्यार्थी संस्कृत भाषा का अध्ययन करता है . इस विद्यालय के अधयापकों से पूछने पर कि आप अपने स्कूल में संस्कृत क्यों पढातें है तो उनका कहना है कि संस्कृत बोलने से हमारे मस्तिष्क में तंरगे (vibrarations ) उत्पन्न होती है उसके कारण मस्तिष्क कई गुना तेज काम करता है और छात्रों का मानसिक विकास होता है .

मित्रो आप भी अपने बच्चों को संस्कृत सिखाइये .तो आप पूछेंगे कि कैसे ? तो इसके लिए आप बच्चों के लिए सप्ताह में कम से कम एक दिन किसी संस्कृत के आचार्य से TUTION दिलवा सकते है.

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